Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 01:46 PM
अंतर्राष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा पर 30 वर्ष पहले 24 एकड़ में बनाए गए सरकारी पॉलीटैक्रीक कॉलेज में किसी जमाने में एडमिशन लेने के लिए एंटै्रस टैस्ट हुआ करता था और मंत्रियों तक की सिफारिशों के बाद यहां बच्चों को प्रवेश दिलवाया जाता था। समय के साथ-साथ आज...
फिरोजपुर(मल्होत्रा/जैन): अंतर्राष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा पर 30 वर्ष पहले 24 एकड़ में बनाए गए सरकारी पॉलीटैक्रीक कॉलेज में किसी जमाने में एडमिशन लेने के लिए एंटै्रस टैस्ट हुआ करता था और मंत्रियों तक की सिफारिशों के बाद यहां बच्चों को प्रवेश दिलवाया जाता था। समय के साथ-साथ आज इस कॉलेज के हालात इस कद्र बद से बदतर बन गए हैं किएडमिनिस्टे्रशन ब्लॉक, होस्टल सहित सभी इमारतें लगभग धराशायी होने को हैं। विद्यार्थियों के नाम पर कुछ ही संख्या रह गई है। अरबों रुपए की लागत से बने इस पॉलीटैक्रीक कॉलेज के हर तरफ गंदगी, जंगली घास उगी हुई है। इमारत के कुछ हिस्सों में असामाजिक तत्वों ने अपने अड्डे बना रखे हैं और समय-समय पर नशेड़ी यहां पर आम देखे जा सकते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में टैक्नीकल एजुकेशन के लिए आरंभ हुआ यह कॉलेज जहां राज्य व देश को अच्छे इंजीनियर, मैकेनिक एवं वर्कर प्रदान कर चुका है, अब यही कॉलेज सरकार की घोर लापरवाही के कारण अपना वजूद निरंतर खो रहा है।
फीस में छूट से आकर्षित कर रहे स्टूडैंट्स को
करीब डेढ़ दशक से विद्यार्थियों का रुझान इंजीनियरिंग एवं आइलैट्स की स्टडी की और बढऩे के फलस्वरूप पॉलीटैक्रीक कॉलेज में एडमिशन नामात्र रह गई है। उधर मोगा रोड पर स्थापित शहीद भगत सिंह स्टेट टैक्नीकल कैंपस में पॉलीविंग शुरू होने के बाद अधिकतर लोकल स्टूडैंट्स वहां एडमिशन लेने को प्राथमिकता देते हैं। फिर भी सरकार की योजना अनुसार पॉलीटैक्रीक कॉलेजों में विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए फीस में विशेष रियायतें प्रदान की जा रही हैं। मैट्रिक परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों, कम आय वाले परिवारों के बच्चों, आरक्षित श्रेणियों से संबंधित परिवारों के बच्चों को यहां एडमिशन में विशेष रियायतें दी जाती हैं।
क्या है कॉलेज की स्थिति
वर्ष 1990 में दुलचीके रोड पर सरकारी पॉलीटैक्रीक कॉलेज का निर्माण एवं उद्घाटन हुआ था। उसी समय यहां पर प्रशासकीय ब्लॉक, ई.एम.पी. ब्लॉक, वर्कशॉप, एक स्टूडैंट होस्टल और स्टॉफ कालोनी का निर्माण किया गया था, विद्यार्थियों के उमडऩे वाले सैलाब को देखते हुए बाद में होस्टल की एक ओर इमारत बनाई गई थी। कॉलेज में शुरूआती दौर में 3 ट्रेडस मैकेनिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं इलैक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनीकेशन्स थीं जिनमें प्रत्येक ट्रेड के लिए 40 सीटें रखी गई थीं। इसके बाद समय की आवश्यकता अनुसार यहां कम्प्यूटर ट्रेड भी आरंभ कर दिया गया और 10 साल पहले सरकार द्वारा यहां प्रत्येक ट्रेड की सीटें 40 से बढ़ाकर 60 कर दी गईं।