Edited By Updated: 21 Aug, 2016 02:41 PM
नवजोत सिंह सिद्धू के राज्य सभा से इस्तीफा...
जीरा (गुरमेल): नवजोत सिंह सिद्धू के राज्य सभा से इस्तीफा देने के बाद पंजाब की राजनीति कुछ ठंडी होती नजर आ रही है। चाहे सभी राजनीतिक पार्टियां नवजोत सिंह सिद्धू की काबिलियत की तारीफ करती हैं । उनके द्वारा अपनी-अपनी पार्टियों में सिद्धू को शामिल करवाने की जी तोड़ कोशिश की जा रही है।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने तो उनके कांग्रेस में आने पर स्वागत की बात कही है परन्तु सिद्धू का भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा न देना व मैडम नवजोत कौर सिद्धू संसदीय सचिव का ईस्ट श्री अमृतसर साहिब से 13, 14 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से निकाले गए तिरंगा मार्च में अनिल सरीन स्टेट वाइस प्रधान और जिला प्रधान राजेश हनी के साथ हिस्सा लेना उनके पार्टी में टिके रहने की ओर संकेत हैं। इसके अलावा पंजाब भाजपा प्रधान विजय सांपला की तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति धारण की चुप्पी भी पार्टी प्रति वफादारी जाहिर करती है।
इस संबंधी पंजाब के महासचिव मनजीत सिंह राय और चेयरमैन पंजाब इंफोटैक ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू की विचारधारा अरविन्द केजरीवाल के साथ मेल नहीं खाती। गिले-शिकवे तो घरों में होते ही रहते हैं, जबकि भाजपा में नवजोत सिंह सिद्धू और मैडम सिद्धू का पूरा मान-सम्मान है। उधर, सिद्धू का चुप रहना यह साबित करता है कि अपने तो अपने होते हैं क्योंकि जहां विचारधारा मेल खाती है आदमी वहीं तरक्की करता है और खुश रहता है। भाजपा भी सिद्धू जैसे काबिल व्यक्ति को पार्टी से अलग नहीं करना चाहती।