Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 11:49 AM
फिरोजपुर सीमावर्ती शहर है और इस शहर के लोग देश की आजादी के करीब 79 साल बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। फिरोजपुर के लोगों को भारत सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत...
फिरोजपुर (कुमार): फिरोजपुर सीमावर्ती शहर है और इस शहर के लोग देश की आजादी के करीब 79 साल बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। फिरोजपुर के लोगों को भारत सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है। फिरोजपुर में सत्ता में रही सरकारों ने समय-समय पर विकास कार्यों के नींव पत्थर रखे थे जोकि आज तक अधूरे पड़े हैं। फिरोजपुर के लोगों की मांग है कि सरकार केवल उन्हीं कार्यों के लिए नींव पत्थर रखे, जिसके लिए बजट में जरूरत के अनुसार राशि रखी है।
यू.पी.ए. सरकार की तरफ से फिरोजपुर के लिए मंजूर किए गए पी.जी.आई. सैटेलाइट का आज तक नहीं रखा जा सका नींव पत्थर
केन्द्र की पूर्व यू.पी.ए. सरकार ने करीब 5 साल पहले परमिन्द्र सिंह पिंकी के विधायक के प्रयासों के चलते फिरोजपुर के लिए पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर मंजूर किया था, जिसका करीब 5 वर्ष बीत जाने पर भी आज तक नींव पत्थर नहीं रखा गया। बताया जाता है कि सुखबीर सिंह बादल चाहते थे कि यह अस्पताल बङ्क्षठडा में शिफ्ट किया जाए और सुखबीर सिंह बादल के भाजपा के साथ अंदरखाते संबंध अ‘छे न होने के कारण फिरोजपुर में पी.जी.आई. सैटेलाइट का काम शुरू नहीं होने दिया गया, वहीं पंजाब के पूर्व भाजपा प्रधान कमल शर्मा ने फिरोजपुर शहर की आई.टी.आई. (लड़के) में इस अस्पताल को बनाने के लिए जगह उपलब्ध करवाई थी।
करोड़ों रुपए लगाकर अधूरा पड़ा फिरोजपुर का एस्ट्रोटर्फ ग्राऊंड
श्री सुभाष आहूजा ने बताया कि पंजाब भाजपा के पूर्व प्रधान कमल शर्मा के प्रयासों से फिरोजपुर शहर के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में हाकी के खिलाडिय़ों के लिए करोड़ों रुपए लगाकर एस्ट्रोटर्फ ग्राऊंड बनाया गया था, जिसका काम बीच में ही बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस ग्राऊंड का काम अधूरा छोडऩे के कारण सरकार का खर्च किया गया करोड़ों रुपया मिट्टी हो गया है, जबकि खिलाड़ी इस स्टेडियम को तैयार करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर होने से मरीजों की बचाई जा सकती है जान
फिरोजपुर में सरकार का कोई बड़ा अस्पताल नहीं हैं और गंभीर बीमारियों के शिकार और हादसाग्रस्त घायल लोगों को चंडीगढ़ ले जाते समय आज तक सैंकड़ों लोग रास्ते में दम तोड़ चुके हैं। यह जानकारी देते हुए फिरोजपुर के वकील राजन औल और अश्विनी धींगड़ा ने बताया कि फिरोजपुर में अगर पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर हो तो मरीजों का तुरंत इलाज कर उन्हें बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह अस्पताल बङ्क्षठडा को अलॉट हुआ होता तो पहले ही साल में यह अस्पताल बनकर शुरू हो जाना था।
फिरोजपुर से हरिद्वार के लिए रेलगाड़ी चलाई जाए: जिम्मी मनचंदा
युवा एन.जी.ओ. जिम्मी मनचंदा ने फिरोजपुर से हरिद्वार के लिए रेलगाड़ी चलाने की केन्द्र सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि रेलवे बजट में पक्के तौर पर फिरोजपुर से हरिद्वार के लिए रेलगाड़ी चलाई जाए और फिरोजपुर से चंडीगढ़ की ओर चलती रेलगाड़ी के साथ ए.सी. कोच तथा ए.सी. चेयर वाले डिब्बे लगाए जाएं।
फिरोजपुर में जल्द ही पी.जी.आई. अस्पताल का निर्माण होगा: परमिन्द्र सिंह पिंकी
फिरोजपुर शहरी विधानसभा के विधायक परमिन्द्र सिंह पिंकी ने संपर्क करने पर बताया कि फिरोजपुर के सॢकट हाऊस के पास जल्द से जल्द पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर का निर्माण शुरू हो जाएगा और अस्पताल के लिए 25 एकड़ सरकारी जमीन देने पर सरकार ने सहमति दे दी है और यह प्रपोजल लगभग फाइनल हो चुका है। पिंकी ने फिरोजपुर में पी.जी.आई. का पिछले 5 सालों में निर्माण शुरू न करवाने के लिए पूर्व अकाली-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जो जगह अस्पताल के लिए देने की पेशकारी दी गई थी, वह केवल 12 एकड़ थी। उन्होंने कहा कि पी.जी.आई. की टीम ने समय-समय पर दौरा करते हुए कहा था कि इस जगह के पीछे रेलवे की लाइन है और यह जगह मरीजों के लिए उचित नहीं है और फिरोजपुर का रेलवे पुल छोटा होने के कारण मरीजों को अस्पताल में पहुंचाने में मुश्किल आया करेगी। पिंकी ने कहा कि वह ही पी.जी.आई. लेकर आए थे और वह ही जल्द इस अस्पताल का नींव पत्थर भी रखेंगे और जल्द ही इस अस्पताल को शुरू करवाकर ही दम लेंगे।