Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 12:55 PM
अगर जीवन में कुछ कर दिखाने का उत्साह व जज्बा हो तो फिर उम्र का कोई सवाल ही नहीं रह जाता। ऐसे ही लगातार जारी रखा है जलालाबाद की शान बुजुर्ग एथलीट सेवामुक्त अध्यक्ष गुरनाथ सिंह ने। उन द्वारा प्रत्येक बार बुजुर्गों की खेलों में बाजी मारना जारी है व वह...
जलालाबाद(बंटी): अगर जीवन में कुछ कर दिखाने का उत्साह व जज्बा हो तो फिर उम्र का कोई सवाल ही नहीं रह जाता। ऐसे ही लगातार जारी रखा है जलालाबाद की शान बुजुर्ग एथलीट सेवामुक्त अध्यक्ष गुरनाथ सिंह ने। उन द्वारा प्रत्येक बार बुजुर्गों की खेलों में बाजी मारना जारी है व वह अपनी मेहनत, तंदरुस्ती व प्राप्तियों से लगातार नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं व अब फिर 68 वर्ष की उम्र के बावजूद उन्होंने 2 चांदी के पदक प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है।
सेवामुक्त अध्यापक गुरनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें बचपन से ही खेलों में भाग लेने का शौक था, जो आज भी बरकरार है व जिंदगी भर रहेगा। वह सुबह-शाम दो टाइम जलालाबाद के मल्टीप्लैक्स स्टेडियम में अभ्यास करते हैं व देखा-देखी में नौजवान भी उनसे खेलों प्रति टिप्स लेते है। यह सब देख उन्हें बहुत खुशी होती है कि नौजवान उन्हें देखकर खेलों प्रति अकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जब वह विद्यार्थी, अध्यापक थे उस समय भी उनका शानदार प्रदर्शन रहा है व अब सेवामुक्त होने के बावजूद वह उसी तरह अपना अभ्यास, फिटनैस जारी रखते हुए उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बातचीत दौरान उन्होंने कहा कि अब 68 वर्षीय बुजुर्ग खेलें नैशनल स्तर पर बंगलूर में होने जा रही हैं वह वहां भी बाजी मार कर आएंगे। उन्होंने नौजवान पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि वे नशों को त्याग कर खेलों की ओर अधिक से अधिक ध्यान दें ताकि वे शारीरिक व मानसिक पक्ष से निरोग रहें व अच्छे समाज की सृजना हो सके । जो नौजवान उनसे खेलों प्रति कोई भी सुझाव लेना चाहते हैं, उनके लिए 24 घंटे उनके घर के दरवाजे खुले हैं।