Edited By Updated: 26 Mar, 2016 11:54 PM
शराब व्यवसायी शिवलाल डोडा के रामसरा गांव स्थित फार्म हाऊस में हुए हमले के दौरान मौत के मुंह से बच निकले...
अबोहर(भारद्वाज): शराब व्यवसायी शिवलाल डोडा के रामसरा गांव स्थित फार्म हाऊस में हुए हमले के दौरान मौत के मुंह से बच निकले गुरजंट सिंह जंटा उस भयानक घटना के बाद अपने शहर आ पहुंचे हैं। अमृतसर के अमनदीप अस्पताल में कई आप्रेशनों के बाद कुछ चलने व बातचीत करने के काबिल हुए गुरजंट ने आज पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि शिवलाल डोडा के भतीजे अमित डोडा द्वारा फोन पर बुलाए जाने के कारण ही उनके पूर्व सहयोगी भीम टांक ने फार्म हाऊस में जाने का फैसला लिया और उसको साथ ले गया।
जब वे फार्म हाऊस के अंदर गए तो कुछ ही मिनटों में अहसास हो गया कि मौत उनके सिर पर मंडरा रही है। लगभग 30-35 सशस्त्र व्यक्तियों ने भीम व उस पर चारों तरफ से हमला कर दिया। उसके हाथों और पांवों पर तेजधार हथियारों के वार से वह जमीन पर बेसुध जा गिरा। हमलावरों ने यह मान लिया कि उसकी मृत्यु हो चुकी है। इस बीच डोडा के अधिकांश कर्मचारियों ने भीम के टुकड़े-टुकड़े कर डाले। इसके तुरंत बाद उनका नेतृत्व कर रहे हरप्रीत सिंह हैरी ने अमित डोडा को फोन पर कहा कि बॉस शिवलाल डोडा को बता दो कि काम हो गया है।
गुरजंट ने कहा कि मानवता को मिट्टी में मिलाने वाले इस बर्बर हत्याकांड के विरुद्ध जिस तरह पूरा शहर उठ खड़ा हुआ उससे अहसास हो गया कि हत्यारों के विरुद्ध कानून काम जरूर करेगा। अब 25 अभियुक्तों के विरुद्ध पुलिस ने चालान पेश कर दिया है और संकेत दिया जा रहा है कि 10 अप्रैल तक शिवलाल डोडा का चालान पेश कर दिया जाएगा। यदि यह चालान निर्धारित समय तक पेश न किया गया तो मैं स्वयं 11 अप्रैल से भूख हड़ताल पर बैठूंगा और इससे पैदा होने वाले नतीजों के लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी।
गुरजंट के भाई रणजीत सिंह राणा ने कहा कि जब पीड़ित परिवार विधायक सुनील जाखड़ के साथ मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से उनके निवास स्थान पर चंडीगढ़ में मिले थे तो विश्वास दिलाया गया था कि दोनों परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी और गुरजंट के इलाज पर हुए खर्च की क्षतिपूॢत भी की जाएगी। उपायुक्त के माध्यम से हमने अस्पताल के सभी बिल पंजाब सरकार को भेज दिए हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार की आॢथक सहायता व नौकरी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।