Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 12:01 PM
शहीद भगत सिंह जैसी सोच रखना और भगत सिंह के सपनों जैसे समाज का सृजन करना तो बहुत दूर की बात है, यहां तो सरकार के पास शहीदों के नाम पर अवार्ड भी समय पर नहीं दिए जाते और नौजवानों को ये अवार्ड देने के लिए कई-कई साल बीत जाते हैं।
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): शहीद भगत सिंह जैसी सोच रखना और भगत सिंह के सपनों जैसे समाज का सृजन करना तो बहुत दूर की बात है, यहां तो सरकार के पास शहीदों के नाम पर अवार्ड भी समय पर नहीं दिए जाते और नौजवानों को ये अवार्ड देने के लिए कई-कई साल बीत जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि युवा सेवाओं विभाग पंजाब की तरफ से 15 से 35 साल तक के लड़कों और लड़कियों का चुनाव कर शहीद-ए-आजम भगत सिंह राज्य युवा पुरस्कार (अवार्ड) दिया जाता है। पंजाब सरकार ने एक साल में सिर्फ एक ही अवार्ड देना होता है, परंतु हैरानी वाली बात है कि शहीद भगत सिंह के नाम पर उक्त अवार्ड देने के लिए शायद सरकार के पास रुपए खत्म हुए पड़े हैं क्योंकि जो जानकारी मिली है उसके अनुसार साल 2014 के बाद उक्त अवार्ड दिया ही नहीं गया। इस अवार्ड में 51 हजार रुपए नकद, 1 मैडल और सर्टीफकेट दिया जाता है। समाज सेवी संस्थाओं के साथ जुड़े व्यक्तियों बूटा सिंह, राणा बेदी, परगट सरां सराय और शेरबाज सिंह लक्खेवाली ने मांग की कि सरकार उक्त अवार्ड हर साल समय पर मुहैया करवाए।