Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 10:39 AM
इस क्षेत्र के गांव महाबद्धर में एक स्कूल वैन उस समय खेतों में पलट गई, जब वह स्कूल से बच्चे लेने जा रही थी। उस समय वैन में बच्चे न होने के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। जानकारी के अनुसार पीबी 05एच 7748 नंबर वाली वैन गांव भागसर में केन्द्र सरकार की...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): इस क्षेत्र के गांव महाबद्धर में एक स्कूल वैन उस समय खेतों में पलट गई, जब वह स्कूल से बच्चे लेने जा रही थी। उस समय वैन में बच्चे न होने के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। जानकारी के अनुसार पीबी 05एच 7748 नंबर वाली वैन गांव भागसर में केन्द्र सरकार की सहायता से चलाए जा रहे हलके के सरकारी मॉडल स्कूल में गांव महाबद्धर व झींडवाला आदि के बच्चों को लेकर आती है।
सुबह समय बच्चे स्कूल छोड़कर वैन का ड्राइवर वैन लेकर वापस चला गया था व फिर दोपहर समय महाबद्धर से खाली वैन लेकर बच्चे लेने के लिए भागसर को चला ही था कि बस स्टैंड से कुछ दूर ही वैन खेतों में पलटी खा गई। पता लगा है कि वैन को अज्ञात व्यक्ति चला रहा था व जब वैन पलटी तब वह मोबाइल फोन पर बातें कर रहा था। उल्लेखनीय है कि वैसे ही यह वैन उम्र पूरी कर चुकी व खटारा है जिसके कारण हादसे हो रहे हैं।
बच्चों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़
ट्रांसपोर्ट मोटर वाहन पॉलिसी के अनुसार वाहनों की उम्र 15 वर्ष रखी गई है, उसके बाद वाहन की न आर.सी. बनती है व न टैक्स भरा जाता है। ऐसे वाहन सड़कों पर नहीं चल सकते परंतु यहां कबाड़ बनी वैनें स्कूलों के बच्चे लेकर आती-जाती हैं व बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।
प्रशासन करता है खानापूर्ति
भले स्कूल वैनों की चैकिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 विभाग लगाए हैं, जिनमें न्याय प्रणाली, पुलिस विभाग, ट्रांसपोर्ट विभाग व सामाजिक सुरक्षा विभाग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उपायुक्त व एस.डी.एम. भी जिम्मेदार है परंतु सब खानापूॢत करते हैं। स्कूलों के दाखिले समय एकाध स्कूल की वैन चैक कर ली जाती है व फिर कोई नहीं पूछता। यह वैनें मान्यता प्राप्त स्कूलों की ही चैक होती हैं परंतु बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों वाले कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं व इनके पास प्रशासन के अधिकारी नहीं पहुंचते व कहा जाता है कि हमारे पास ऐसे स्कूलों का कोई रिकॉर्ड हीं नही है।
सरकार कर रही दिखावा : बराड़
सी.बी.एस.ई. व आई.सी.एच.ई. स्कूल फैडरेशन जिला श्री मुक्तसर साहिब के नेता व पंजाब पब्लिक स्कूल लक्खेवाली के चेयरमैन हरचरण सिंह बराड़ ने कहा कि राज्य सरकार केवल दिखावा कर रही है व सिर्फ प्राईवेट स्कूलों को ही निशाना बनाया जा रहा है। घर-घर खुले बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों व सरकारी स्कूलों की धड़ाधड़ चलती खटारा वैनों की ओर सरकार का ध्यान ही नहीं है। जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता, तब तक ऐसे स्कूलों को देखकर हमारे स्कूल भी इस बात का गलत फायदा उठाते रहेंगे।
सभी स्कूल नहीं करते शर्तें पूरी
माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में स्कूल सेफ्टी वाहन कानून बनाया गया जिसके अनुसार कोई की कंडम वैन स्कूलों के बच्चों को ले जाने के लिए नहीं चल सकती। प्रत्येक ड्राइवर ट्रैफिक नियमों की पालना करने वाला होना चाहिए, उसके पास लाइसैंस, वर्दी व एक सहायक होना चाहिए। वैन में रिकॉॄडग कैमरा, जी.पी.एस. सिस्टम लगा होना चाहिए परंतु उपरोक्त शर्तें सभी स्कूल पूरी नहीं करते।
कंडम वैनों वालों पर की जाए सख्ती
प्रशासन के अधिकारियों को कानून की पालना करके कंडम वैनों वालों पर सख्ती की जानी चाहिए व सभी स्कूलों के लिए एक जैसी पॉलिसी बनाई जाए भले वह स्कूल आम व्यक्ति का हो, भले सियासी असर-रसूख रखने वाले का ताकि हादसे न हों। कानून की लाठी सरकारी व प्राइवेट स्कूल के लिए एक जैसी हो।