Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 01:08 PM
खिदराने की ढाब से मुक्तसर और फिर मुक्तसर से श्री मुक्तसर साहिब बनने का सफर चाहे बहुत लंबा है परन्तु यदि नजर मारी जाए तो इस शहर के नाम के साथ श्री जरूर लग गया परन्तु इसको अभी तक ऐतिहासिक मान्यता नहीं मिली और न ही जिला बनने के बाद यहां कोई विकास हुआ...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): खिदराने की ढाब से मुक्तसर और फिर मुक्तसर से श्री मुक्तसर साहिब बनने का सफर चाहे बहुत लंबा है परन्तु यदि नजर मारी जाए तो इस शहर के नाम के साथ श्री जरूर लग गया परन्तु इसको अभी तक ऐतिहासिक मान्यता नहीं मिली और न ही जिला बनने के बाद यहां कोई विकास हुआ है। वैसे यह शहर नेताओं के शहर के नाम से जाना जाता है परन्तु समस्याओं का हल आज तक नहीं हुआ। आबादी पहले से अधिक बढ़ी है परन्तु सड़कों का हाल बुरा है जिस कारण ट्रैफिक समस्या बहुत ज्यादा है। शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां से वाहन चालक निकलने में गुरेज करते हैं।
स्थानीय जलालाबाद रोड का फाटक कंटीली तार की तरह शहर को 2 भागों में बांटता है और लंबे समय से ही रेलवे ओवरब्रिज बनने की मांग उठी हुई है परन्तु कुछ राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्तियों के कारण यह मांग ज्यों की त्यों ही बनी हुई है जिस कारण श्री मुक्तसर साहिब का रेलवे फाटक नंबर 30 ओवरब्रिज बनने के इंतजार में है।
पिछले कई सालों से नहीं बना कोई सरकारी उच्च शैक्षिक अदारा
राजनीतिक पक्ष से पूर्व मुख्यमंत्री हरचरन सिंह बराड़ श्री मुक्तसर साहिब के निवासी थे। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का जद्दी जिला भी श्री मुक्तसर साहिब है। इस शहर बारे यह भी अक्सर ही सुनने को मिलता है कि पंजाब में सबसे अधिक राजनीतिक नेता श्री मुक्तसर साहिब के हैं। राजनीतिक पक्ष से अपनी अलग पहचान रखने वाला यह शहर इस वक्त जिला बनने के बावजूद काफी पिछड़ा नजर आ रहा है। बीते कई सालों से यहां कोई सरकारी उच्च शैक्षिक अदारा स्थापित नहीं किया गया। वहीं इस ऐतिहासिक शहर को दरकिनार करते हुए यहां कोई भी मैगा प्रोजैक्ट सरकार की तरफ से नहीं लगाया गया।
सीवरेज डालने के बावजूद सड़कों पर जमा है पानी
आवारा पशुओं की समस्या ने भी शहर को घेरा हुआ है। चाहे शहर में 3 मुख्य गौशालाएं हैं परन्तु इसके बावजूद शहर में आवारा पशुओं का मुख्य सड़कों पर जमावड़ा है जो अक्सर हादसों का कारण बनता है। कहने को तो शहर के बहुत से हिस्सों में सीवरेज डाल दिया गया है परन्तु कई सड़कों पर बारिश के मौसम में पानी जमा हो जाता है, वहीं सीवरेज का पानी अक्सर ही कई सड़कों पर खड़ा रहता है जिनमें जोधू कालोनी, थांदेवाला रोड, शेर सिंह चौक और गोनियाना रोड मुख्य सड़कें हैं। पीने वाले पानी की बात करें तो चाहे सप्लाई निरंतर चलती है परन्तु पानी की पाइपें काफी पुरानी होने के कारण कई जगह से लीक हो गई हैं और शहर के कई मोहल्लों में सीवरेज का पानी मिक्स होकर आता है जो कई बीमारियों का कारण बनता है।