Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 05:35 PM
इस क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भागसर जिस की आबादी करीब 12 हजार है, के जलघर की तरफ पावरकाम विभाग का बिज...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): इस क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भागसर जिस की आबादी करीब 12 हजार है, के जलघर की तरफ पावरकाम विभाग का बिजली का बिल 13 लाख रुपए से भी ऊपर हो गया है। जिस करके 8 मार्च को स्त्री दिवस वाले दिन औरतों को बड़ा तोहफ़ा देते जलघर की मोटर का कनैक्शन पावरकाम विभाग ने प्रात: काल 11 बजे काट दिया था, परन्तु 9 मार्च की शाम को 4 बजे काटे गए कनैक्शन को एक बार आरजी तौर पर जोड़ दिया गया। परन्तु यह मसले का कोई पक्का हल नहीं है। क्योंकि बिल की रकम ज़्यादा होने के कारण बिजली महकमा भी कनैक्शन काटने के लिए मजबूर है। जिस करके समूचे गांव के लोग परेशानी के आलम में हैं। क्योंकि ऊपर से गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और पानी की पहले से जरूरत ’यादा पड़ेगी।
एक साल पहले नया बनाया गया था जलघर
गांव में एक साल पहले नया जलघर बनाया गया था और इसी जलघर की एक ओर ब्रांच गांव की दूसरी तरफ शमशानघाट में टेकी बनाई गई है। गांव में जलघर की टूटियों के लगभग 1450 कनैक्शन चल रहे हैं। जलघर के सूत्रों अनुसार अकेले मैन जलघर का बिजली बिल ही 12 लाख 38 हजार रुपए बताया जा रहा है और दूसरे जलघर की मोटर का बिल अलग है।
पंचायत और कमेटी ने लिए थे पैसे
वर्ष पहले नई टूटियां लगाने पर जलघर की कमेटी और पंचायत ने एक एक हजार रुपया प्रति घर से बिल भरने के लिए वसूल किया था। उस समय कई घरों ने पैसे नहीं भी दिए थे। परन्तु जो पैसे इकट्ठे किए थे, उनके बारे पता लगा है कि बिल नहीं भरा गया था।
गांव में 600 से अधिक हैं ट्यूबवैल की मोटरें
जिक़्रयोग्य है कि उक्त गांव में किसानों के खेतों में 600 से भी अधिक ट्यूबवैल की मोटरें लगाई हुई हैं और इन मोटरों पर दो-दो बल्ब दिन रात चलते हैं। इन मोटरों के बिल तो पंजाब सरकार ने मुाफ किए हुए हैं। परन्तु जलघर की मोटर का कनैक्शन काटा जा रहा है। गांव की औरतों ने मांग की है कि सरकार जलघरों की मोटरों का बिल भी माफ करे।
गांव में जमीनी पानी है शोरायुक्त
उक्त गांव में धरती नीचला पानी गंधला है और न पीने के काम आता, न स्नान के और न ही कपड़े धोने के। पशु भी यह पानी नहीं मुंह लगाते। जिस करके लोग जलघर के पानी पर ही निर्भर हैं। दूसरे तरफगंधला पानी होने के कारण गांव में कैंसर, काला पीलिया, दिन की बीमारियां, शुगर, गुरदों की बीमारियां और हड्डियों की बीमारियों में विस्तार हो रहा है।