Edited By Updated: 26 Jul, 2016 10:07 AM
वैसे तो सरकार ने इलाज में प्रयोग हो चुके मैडीकल ...
मलोट(गोयल): वैसे तो सरकार ने इलाज में प्रयोग हो चुके मैडीकल सामान को नष्ट करने के लिए कई कठोर नियम बनाए हुए हैं, किन्तु फिर भी अवैध रूप से ऐसे काम में लगे लोग पैसा बचाने के चक्कर में लोगों के जीवन से खेलने में संकोच नहीं करते। नियमानुसार अस्पतालों में इस्तेमाल के बाद बचा मैडीकल का कचरा एक प्राइवेट कंपनी को सौंपना होता है। किन्तु आजकल मलोट की सैरगाह जो ग्रीनवैली रोड के नाम से जानी जाती है। इस सड़क के दोनों ओर प्लास्टिक बैग फैंके गए नजर आ रहे हैं।
कुछ लोगों ने जिज्ञासा शांत करने के लिए बैग को खोला तो उसमें प्लास्टिक के दस्ताने, रूई, इस्तेमाल की सीरिंजें आदि निकलीं। लोगों को संदेह है कि यह सामान अवैध रूप से गर्भपात करने वालों द्वारा फैंका गया हो सकता है जो चोरी-छिपे गलत कामों को अंजाम देते हैं। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष शगन लाल गोयल व राजिन्द्र पपनेजा ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि इस सड़क पर सैर करने वाले, बुजुर्ग, दौड़ लगाने वाले युवा इस कचरे का शिकार हो सकते हैं तथा गंदगी से उठ रही दुर्गंध ने भी लोगों को परेशान कर रखा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे तत्वों पर कठोरता से कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में सरकारी अस्पताल के डा. सुनील बांसल ने कहा कि मैडीकल कचरे को नष्ट करने के लिए सरकार ने एक प्राइवेट कंपनी से समझौता किया हुआ है, जिनके लोग प्रतिदिन अमृतसर से कचरा लेने के लिए आते हैं। यदि कोई अस्पताल या डाक्टर इस कचरे को सड़क पर फैंकता है तो उसे भारी-भरकम जुर्माना लग सकता है।