Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 08:34 AM
जिले के अलग-अलग हिस्सों में से पिछले 5 वर्षों दौरान गुम हुए बच्चों की तलाश के लिए अब फरीदकोट पुलिस देश की अलग-अलग जेलों में जाएगी। बी.एस.एफ. हैडक्वार्टर समेत अन्य स्थानों से पिछले वर्षों के दौरान लापता हुए 4 बच्चों के अलावा बाकियों का पता भी पुलिस...
फरीदकोट (हाली): जिले के अलग-अलग हिस्सों में से पिछले 5 वर्षों दौरान गुम हुए बच्चों की तलाश के लिए अब फरीदकोट पुलिस देश की अलग-अलग जेलों में जाएगी। बी.एस.एफ. हैडक्वार्टर समेत अन्य स्थानों से पिछले वर्षों के दौरान लापता हुए 4 बच्चों के अलावा बाकियों का पता भी पुलिस लगाएगी कि कहीं गैर सामाजिक तत्वों के चंगुल में फंसकर ये बच्चे जेलों में तो नहीं पहुंच गए। इसके लिए पुलिस आधार कार्ड के द्वारा आधुनिक तकनीक का भी सहारा ले रही है।
वर्ष 2013 दौरान लापता हुए एक दर्जन के करीब बच्चों को तलाशने में पुलिस अभी तक असमर्थ नजर आ रही है। पुलिस की तरफ से अपनी इस तलाश को आगे चलाते हुए पहले पंजाब और फिर देश की अन्य जेलों में इन बच्चों की तलाश की जाएगी। इनमें से एक नौजवान मनोज कपूर का अगवा होने का मामला हाईकोर्ट की तरफ से सी.बी.आई. को सौंप दिया गया है परन्तु 18 महीनों बाद भी इस मामले में सी.बी.आई. के हाथ खाली हैं, जबकि ऐसे 8 मामलों की जांच जिला पुलिस भी कर रही है।
सूचना अनुसार यहां की हाई सिक्योरिटी क्षेत्र बी.एस.एफ. कालोनी में से 17 अक्तूबर 2013 को आदर्श कुमार (14) और हॢषत कुमार (17) दोनों ममेरे भाई संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। इन बच्चों के पिता बी.एस.एफ. में तैनात हैं। गुम हुए आदर्श की माता गीतिका शर्मा ने बताया कि पुलिस ने उनसे गुम हुए बच्चों के आधार कार्ड लिए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अब बच्चों की तलाश के लिए पहले पंजाब की फिर देश की जेलों में जाएगी। जिला पुलिस ने अंदेशा जाहिर किया है कि किसी साजिश के अंतर्गत इन बच्चों को किसी केस में जेलों में रखा हो सकता है। पुलिस की तरफ से आधार कार्ड अथॉरिटी को मामले संबंधी सूचित कर दिया है और अक्तूबर 2013 के बाद लापता हुए बच्चों के आधार कार्ड के पिं्रट निकलवाने आदि संबंधी जानकारी मांगी है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
जिला पुलिस प्रमुख डा. नानक सिंह ने कहा कि अगवा हुए बच्चों की तलाश के लिए हर थयूरी पर काम किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत अब जेलों का रिकार्ड भी चैक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुम हुए बच्चों संबंधी 2013 में ही कुल 13 मुकद्दमे दर्ज किए थे, जिस संबंधी जांच जारी है।