Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 07:52 AM
पंजाब सरकार द्वारा राज्य को बाल भिक्षा से मुक्त बनाने के आदेश और बाल अधिकार रक्षा कमीशन की जारी मुहिम के अंतर्गत जिला बाल सुरक्षा यूनिट श्री मुक्तसर साहिब और पंजाब पुलिस कर्मचारी ने सांझी रणनीति तैयार कर शहर के विभिन्न धार्मिक स्थानों, प्रमुख...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा, खुराना, दर्दी): पंजाब सरकार द्वारा राज्य को बाल भिक्षा से मुक्त बनाने के आदेश और बाल अधिकार रक्षा कमीशन की जारी मुहिम के अंतर्गत जिला बाल सुरक्षा यूनिट श्री मुक्तसर साहिब और पंजाब पुलिस कर्मचारी ने सांझी रणनीति तैयार कर शहर के विभिन्न धार्मिक स्थानों, प्रमुख चौराहों और बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के नजदीक पड़ते इलाकों में बाल भिखारियों को भिक्षा मांगने की दलदल से बहार निकालने की पहल की है। अबोहर बाईपास, मलोट बाईपास, अबोहर रोड, जलालाबाद रोड, अनाज मंडी, मेन बाजार, रैडक्रॉस आदि व अन्य इलाकों में मुहिम चलाते हुए 5 बच्चे को भिक्षा मांगते हुए पकड़ा। इस दौरान उक्त अधिकारी ने भिक्षा मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को मौके पर बुलाकर उनको भविष्य में फिर कभी भिक्षा न मंगवाने संबंधित प्रेरित किया और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य संबंधी जागरूक करते हुए उन्हें स्कूल भेजने की बात पर जोर दिया।
मौके पर मौजूद अधिकारी डा. शिवानी नागपाल ने बच्चों के माता-पिता की कौंसलिंग कर सरकार की तरफ से मुफ्त शिक्षा संबंधी कई तरह की दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। डा. शिवानी नागपाल ने बताया गया कि यह बच्चों को बाल भलाई कमेटी के सामने पेश किया जाएगा और दस्तावेजों की चैकिंग करने उपरांत यदि बच्चा उनका ही होगा तो मां-बाप से स्व-घोषणा पत्र लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भिक्षा मांगना और भिक्षा मांगने के लिए मजबूर करना गैर कानूनी है। इसके लिए 3 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा और 50,000 से लेकर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। बाल भिक्षा टीम में प्रताप सिंह, गुरमेज सिंह, अशोक कुमार, डा. वरुण वर्मा, ए.ई.ओ. दलजीत सिंह, मैडम अणु बाला बाल सुरक्षा अफसर, ए.आई.ई. वालंटियर सुखप्रीत सिंह, कंवरजीत सिंह शामिल थे।