किसानों की दूसरी बार गेहूं की फसल बर्बाद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 04:41 PM

waste of wheat crop

गांव नरूआना के गुरुसर सैनेवाला के बीच बुर्जी नं.-61 के निकट रात के समय रजवाहे में 25 फुट चौड़ी दरार पड़ गई, जिसके कारण किसानों की दूसरी बार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। जानकारी के अनुसार किसान गुरदेव सिंह पुत्र पाला सिंह वासी गुरुसर सैनेवाला के खेत...

संगत मंडी(मनजीत): गांव नरूआना के गुरुसर सैनेवाला के बीच बुर्जी नं.-61 के निकट रात के समय रजवाहे में 25 फुट चौड़ी दरार पड़ गई, जिसके कारण किसानों की दूसरी बार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। जानकारी के अनुसार किसान गुरदेव सिंह पुत्र पाला सिंह वासी गुरुसर सैनेवाला के खेत में अचानक रजबाहे में दरार पड़ गई। किसान को रजबाहे में दरार पडऩे का पता सुबह खेत जाने पर चला। तब तक गेहंू के खेतों में 2-2 फुट पानी भर चुका था। दरार पडऩे का कारण रजबाहे की खस्ता हालत को बताया जा रहा है। दरार के कारण गुरदेव सिंह की 3 एकड़, पप्पी सिंह नरूआना की 1 एकड़, पम्मा सिंह गुरुसर सैनेवाला की 2 एकड़, हजूर सिंह गुरुसर सैनेवाला की 1 एकड़, जग्गा सिंह नरूआना की 2 एकड़ गेहूं में पानी भरने के अलावा दूसरे अन्य कई किसानों की गेहूं बर्बाद हो गई।

एक महीने पहले भी टूट चुका है रजबाहा 
एक महीना पहले भी इसी जगह के नजदीक से रजबाहा टूट चुका है, उस समय भी किसानों द्वारा गेहूं की फसल की बिजाई की जा रही थी जो बर्बाद हो गई थी, उसके बाद किसानों द्वारा एक बार फिर खर्च करके बिजाई की गई थी जो अब बर्बाद हो गई। कई किसानों द्वारा जमीन को ठेके पर लेकर गेहूं की बिजाई की गई थी जो कर्ज के नीचे आ गए हैं। 

40 साल पुराना है रजबाहा
किसानों का कहना है कि बङ्क्षठडा रजबाहे को बने 40 साल हो चुके हैं, जिसके कारण रजबाहे की इस कदर हालत खराब हो चुकी है कि थोड़े समय बाद ही रजबाहा टूटकर किसानों की फसलों का नुक्सान कर जाता है।

6 महीने में 8 बार टूटा रजबाहा 
रजबाहे की खस्ता हालत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 6 महीने में 8 बार टूटकर यह रजबाहा किसानों की फसलें बर्बाद कर चुका है। किसानों में रोष था कि दूसरे सभी रजबाहों की शाखाओं का नवीनीकरण हो चुका है परन्तु यह रजबाहा अभी तक सरकार की नजर में नहीं आया। किसानों द्वारा सरकार से मांग की गई है कि रजबाहे को जल्दी नया बनाया जाए ताकि रजबाहा टूटने के कारण किसानों को फसलों के हो रहे नुक्सान से बचाया जा सके। 

क्या कहते हैं विभाग के एस.डी.ओ.
जब इस संबंधी विभाग के एस.डी.ओ. से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि रजबाहे के टूटने का कारण चूहे के बिल हैं। उन्होंने बताया कि रजबाहे को बने हुए 40 साल से ’यादा समय हो गया है। रजबाहे को दोबारा नया बनाने के लिए सरकार के पास प्रोजैक्ट बना कर भेज दिया गया है। 

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