थर्मल कर्मियों का संघर्ष अब सिख धर्म के रास्ते पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 10:48 AM

thermal plant

श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट कर्मचारी यूनियन बठिंडा का थर्मल बंदी के खिलाफ चल रहा संघर्ष अब धर्म के रास्ते पड़ चुका है, जिसको तकनीकी ही नहीं, बल्कि धार्मिक पक्ष से भी लड़ा जाएगा। गौर है कि 1970 में श्री गुरु नानक देव के 500वें जन्म दिवस को...

बठिंडा (बलविंद्र): श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट कर्मचारी यूनियन बठिंडा का थर्मल बंदी के खिलाफ चल रहा संघर्ष अब धर्म के रास्ते पड़ चुका है, जिसको तकनीकी ही नहीं, बल्कि धार्मिक पक्ष से भी लड़ा जाएगा। गौर है कि 1970 में श्री गुरु नानक देव के 500वें जन्म दिवस को समर्पित श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट का नींव पत्थर रखा गया, जिसको करीब 50 वर्ष बाद बंद किया जा रहा है। प्लांट को बंद करने की प्रक्रिया अकाली-भाजपा सरकार समय ही शुरू हो गई थी। विधान सभा चुनाव समय मनप्रीत सिंह बादल ने वायदा किया था कि वह इस प्लांट को किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे परन्तु सरकार बनते ही वित्त मंत्री सभी वायदे भूल गए। 

हम संभालेंगे धर्म मोर्चा : दादूवाल
कर्मचारियों का एक वफद संत बलजीत सिंह दादूवाल को मिला, जिन्होंने कर्मचारियों को मदद व सहयोग का भरोसा देते कहा कि वह खुद यह धर्म मोर्चा संभालेंगे। वह समूह सिख संगतों को अपील करेंगे कि बाबा नानक की इस यादगार को तबाह होने से बचाया जाए। 

थर्मल बंदी पंजाब के लिए दुर्भाग्यपूर्ण : लौंगोवाल
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने थर्मल कर्मियों के वफद को भरोसा दिलाया कि वह कर्मचारियों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि थर्मल बंदी पंजाब के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे हजारों कच्चे कर्मचारी बेरोजगार हुए हैं, जबकि पक्के कर्मियों को भी अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा नानक के नाम वाले इस प्लांट को बंद करने की सरकार की यह कार्रवाई धार्मिक पक्ष से भी निंदायोग्य है। 


धर्म व तकनीकी तौर पर चलेगा संघर्ष : कर्मचारी नेता
कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष नायब सिंह व सचिव गुरसेवक सिंह ने बताया कि पहले तकनीकी पक्ष की दुहाई देकर संघर्ष किया जा रहा था जबकि अब इसके साथ धार्मिक पक्ष भी जोड़ा जा रहा है। क्योंकि जो वित्त मंत्री प्लांट की चिमनियों में हमेशा धुआं देखना चाहता था, उसने कर्मचारियों का ही धुआं निकाल रखा है। वित्त मंत्री केंद्र सरकार से बाबा नानक का 550वां जन्म दिवस मनाने के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज मांग रहे हैं लेकिन वह यह क्यों भूल गए कि बाबा नानक के 500वें जन्म दिवस पर जिस प्लांट का नींव पत्थर रखा गया था और अब 550वें जन्म दिवस मौके वही नींव पत्थर उखाड़ा जा रहा है, क्या यह बाबा नानक का अपमान नहीं। दूसरी तरफ उसकी याद को मिटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा उठाने के लिए सिख प्रचार बलजीत सिंह दादूवाल व शिरोमणि प्रबंधक कमेटी के प्रधान शामिल हो चुके हैं, जिन्होंने संघर्ष का साथ देने का भरोसा दिया है। नेताओं ने कहा कि वे आज तलवंडी साबो में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को भी मिले थे जिन्होंने भरोसा दिया कि वह भी कर्मचारियों के साथ हैं और संघर्ष में हिस्सा भी लेंगी। 


23 जनवरी को बड़े इकट्ठ की चेतावनी
जत्थेबंदी के नेताओं ने 23 जनवरी को शहर में बड़ा इकट्ठ कर संघर्ष को और तेज करने की चेतावनी दी है, क्योंकि 21 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। इस मौके अश्विनी कुमार, विजय कुमार, जगरूप सिंह, गुरविंद्र सिंह पन्नू, जगसीर सिंह भंगू व अन्य नेताओं के अलावा किसान नेता मोठू सिंह कौटड़ा ने भी संबोधन किया। 
 

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