Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 01:31 PM
पंजाब की सत्ता पर आसीन कांग्रेस बठिंडा के विवादित सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट बंद करने तथा गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को चालू रखने के अपने दोनों वायदों से भाग गई है। कांग्रेस द्वारा गत विधानसभा चुनाव के दौरान थर्मल प्लांट को चालू रखने तथा सॉलिड...
बठिंडा (परमिंद्र): पंजाब की सत्ता पर आसीन कांग्रेस बठिंडा के विवादित सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट बंद करने तथा गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को चालू रखने के अपने दोनों वायदों से भाग गई है। कांग्रेस द्वारा गत विधानसभा चुनाव के दौरान थर्मल प्लांट को चालू रखने तथा सॉलिड वेस्ट प्लांट को बंद करने के मुद्दों को बकायदा अपने चुनाव मैनीफैस्टो में शामिल किया था। मौजूदा विधायक व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने लोगों को बार-बार आश्वासन दिलवाया था कि बङ्क्षठडा की शान थर्मल प्लांट को किसी भी हालत में बंद नहीं किया जाएगा जबकि लोगों की मुश्किलों को देखते हुए आबादी के बीचों-बीच स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट को भी सरकार बनते ही हटाया जाएगा, लेकिन सरकार अपने उक्त दोनों वायदों को पूरा नहीं कर सकी। सॉलिड वेस्ट प्लांट अब भी लोगों की मुश्किलों का सबब बना हुआ है लेकिन सरकार उक्त प्लांट को तबदील करने या बंद करने पर कोई विचार नहीं कर रही।
शुरू से ही विवादों में रहा सॉलिड वेस्ट प्लांट
नगर निगम की ओर से बठिंडा-मानसा रोड पर 40 एकड़ में &0 करोड़ रुपए की लागत से जे.आई.टी.एफ. के सहयोग से स्थापित किया गया सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट शुरू से ही विवादों में रहा है। प्लांट स्थापित होने से पहले ही आसपास के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। इस संबंध में लोगों ने नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक मामला भी दायर किया था जो लंबे समय तक चलता रहा। बाद में कुछ शर्तों के तहत उक्त मामले का फैसला नगर निगम के हक में कर दिया गया जिसके बाद प्लांट घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थापित कर दिया गया। कुछ समय उक्त प्लांट चालू रहा तो लोगों को इससे उठने वाली बदबू ने दुखी कर दिया। लोगों ने प्लांट का विरोध शुरू कर दिया तो प्लांट को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया। अब कंपनी द्वारा फिर से बदबू को काबू करने वाले उपाय करने के बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया है।
चुनाव के दौरान गर्माया था मुद्दा
विधानसभा चुनाव-2016 के दौरान सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट का मुद्दा पूरी तरह गर्माया रहा। सॉलिड प्लांट का मुद्दा इस कदर गंभीर हो गया था कि तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को इस मुद्दे को अपने चुनाव मैनीफैस्टो में शामिल करना पड़ा। सभी पाॢटयों ने दावा किया कि सत्ता में आते ही प्लांट को आबादी वाले क्षेत्र से हटाया जाएगा। प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था व लोगों को आश्वासन दिया था कि प्लांट को हर हाल में बंद किया जाएगा। उक्त प्लांट से एक बड़ी आबादी प्रभावित थी जिस कारण वोटों के चक्कर में उस दौरान वायदा कर लिया गया, लेकिन सत्ता पर काबिज होते ही लोगों की मुश्किलों को बिसार दिया। लोगों का कहना है कि दिक्कतें अब भी बरकरार हैं लेकिन सरकार प्लांट को बंद करने या तबदील करने का नाम नहीं ले रही।