Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 01:19 PM
बठिंडा अदालत ने अढ़ाई वर्ष पुराने एक दुष्कर्म मामले में एक अमृतधारी सिख बने बिहारी कथा वाचक को 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई, जबकि उसकी सहयोगी 2 महिलाओं को भी 3-3 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। गौर है कि बिहार से आए एक व्यक्ति का बेटा केदार नाथ बठिंडा कोर्ट...
बठिंडा (विजय): बठिंडा अदालत ने अढ़ाई वर्ष पुराने एक दुष्कर्म मामले में एक अमृतधारी सिख बने बिहारी कथा वाचक को 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई, जबकि उसकी सहयोगी 2 महिलाओं को भी 3-3 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। गौर है कि बिहार से आए एक व्यक्ति का बेटा केदार नाथ बठिंडा कोर्ट में एक प्यादे के तौर पर नौकरी करता था। इसी दौरान उसने सिख धर्म अपनाकर अमृत छक लिया और अपना नाम केदार नाथ सिंह रख लिया। वह बकायदा प्रोग्रामों में भी कथा वाचक के तौर पर जाने लगा।
वह शादीशुदा है और 3 बच्चों का पिता भी है। कथा वाचक होते उसकी बठिंडा के एक परिवार के साथ अच्छी जान-पहचान हो गई, जिसकी एक 20 वर्ष लड़की भी सिख धर्म की श्रद्धालु थी, केदार नाथ ने एक महिला और उसकी बेटी की मदद से उक्त लड़की को पंजाब से बाहर गुरुद्वारा साहिबान के दर्शनों के लिए तैयार कर लिया। फिर वह उक्त लड़की को लेकर ग्वालियर व अन्य जगहों पर चला गया। करीब एक हफ्ते बाद वापस आई उक्त लड़की ने परिवार को बताया कि केदार नाथ उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और साथ गई दोनों महिलाओं पर भी अगवा करने का आरोप लगाया।
यह केस अति. जिला व सैशन जज माननीय परमिंद्र पाल सिंह की अदालत में चल रहा था। आज वकीलों की बहस के बाद माननीय जज ने केदार नाथ को आरोपी करार देते हुए दुष्कर्म के मामले में 7 वर्ष व लड़की को अगवा करने के आरोपों के तहत 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई। ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसी तरह आरोपी की साथी महिलाओं को भी आरोपी करार दिया गया, जिनको लड़की को अगवा करने के आरोपों तहत 3-3 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। केदार नाथ को 10 हजार रुपए व दोनों महिलाओं को 3-3 हजार रुपए जुर्माना किया गया।