Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 02:16 PM
पंजाब के प्रमुख नगर बठिंडा शहर का पुरातन एवं ऐतिहासिक किला मुबारक जिसे रजिया सुल्तान किले के नाम से भी जाना जाता है, की हालत पिछले कई वर्षों से काफी खस्ता है। इस किले की कई गिरी बुर्जियों को कई दशक बीतने के बावजूद भी सही नहीं किया गया। इस किले का...
बठिंडा (तिलक): पंजाब के प्रमुख नगर बठिंडा शहर का पुरातन एवं ऐतिहासिक किला मुबारक जिसे रजिया सुल्तान किले के नाम से भी जाना जाता है, की हालत पिछले कई वर्षों से काफी खस्ता है। इस किले की कई गिरी बुर्जियों को कई दशक बीतने के बावजूद भी सही नहीं किया गया। इस किले का बाहरी व आंतरिक दृश्य खंडहरनुमा बन गया है। इसके साथ ही किले के इर्दगिर्द गंदगी का आलम है।
उल्लेखनीय है कि करीब 2 दशक पूर्व इस किले के अंदरूनी हिस्से में काफी हद तक सुधार भी किया गया है। इसके मुख्य द्वार के पास वाली प्रमुख बुर्जी जिसके ऊपर दशम गुरु गोबिन्द सिंह जी के यहां आगमन की पवित्र याद में गुरुद्वारा भी बना हुआ है, को नए सिरे से बनाया गया है लेकिन किले की अन्य बुर्जियां अपनी मुरम्मत के लिए बरसों से तरस रही हैं। यहां यह बात भी विशेष तौर पर उल्लेखनीय है कि ट्रेन द्वारा दूर-दूर से आने वाले लोग जब बठिंडा स्टेशन में प्रवेश करने लगते है तो उन्हें सर्वप्रथम बठिंडा के ऐतिहासिक किले का दृश्य साफ दिखाई पड़ता है, लेकिन यह कितनी दुखदायी बात है इस किले की भारी मात्र में गिरी हुई प्रमुख बुर्जियां भी साफ दिखाई पड़ती हैं। सोचने वाली बात तो यह है कि देश की राजधानी दिल्ली का ऐतिहासिक किला आज भी ज्यों का त्यों दिखाई पड़ता है।
आगरा व देश के अन्य प्रमुख नगरों के ऐतिहासिक किले पूरी संभाल के कारण लोगों के दिलों पर अनूठी छाप छोड़ते है फिर बङ्क्षठडा का ऐतिहासिक किला कौन-सी सौतेली मां का बेटा है जो बरसों से अपनी मुरम्मत के लिए तरस रहा है। हम भारत सरकार एवं पुरातत्व विभाग से यही आग्रह करना चाहते हैं कि वह बठिंडा के इस ऐतिहासिक किले को भी दिल्ली के लाल किले जैसा रूप दे ताकि आने वाली पीढिय़ों के दिलों पर भी यह किला अनूठी छाप छोड़ता रहे। अत: इसके लिए अब युद्ध स्तर पर कार्य प्रारम्भ किया जाना अत्यंत आवश्यक है।