Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 10:51 AM
भले यह संभव नहीं लेकिन 60 लाख रुपए की जमीन और एक सरकारी नौकरी हड़पने के लिए की गई कार्रवाई बता रही है कि जो महिला 1993 में मर चुकी है, वह 2001 में दोबारा जीवित हुई और जमीन की डिग्री करवाने पहुंची। यह आरोप मृतका के दोहते द्वारा एस.एस.पी. बठिंडा को दी...
बठिंडा(बलविंद्र): भले यह संभव नहीं लेकिन 60 लाख रुपए की जमीन और एक सरकारी नौकरी हड़पने के लिए की गई कार्रवाई बता रही है कि जो महिला 1993 में मर चुकी है, वह 2001 में दोबारा जीवित हुई और जमीन की डिग्री करवाने पहुंची। यह आरोप मृतका के दोहते द्वारा एस.एस.पी. बठिंडा को दी शिकायत में लगाए गए हैं।
4 एकड़ जमीन के 60 लाख रुपए व सरकारी नौकरी हड़पने का आरोप
मनप्रीत सिंह निवासी रायपुर (मानसा) द्वारा एस.एस.पी. बठिंडा को की शिकायत मुताबिक उसकी नानी मुख्तियार कौर पुत्री जंग सिंह निवासी पिपली वाले कोठे अपने माता-पिता के 7 बच्चे थे जिनमें 2 लड़के व 5 लड़कियां हैं। उनके पास गांव महिराज, गिद्दड़ (पंजाब) व तारुआणा (हरियाणा) में कुल 28 एकड़ जमीन थी। इसी तरह मुख्तियार कौर 4 एकड़ जमीन की मालिक थी। फिर मुख्तियार कौर की शादी गांव गहिलेवाला (बङ्क्षठडा) में कृपाल सिंह के साथ हुई। इसी दौरान 15 अप्रैल 1993 को मुख्तियार कौर की मौत हो गई। कुछ वर्ष बाद 2001 में मनप्रीत सिंह को पता चला कि उसकी नानी मुख्तियार कौर ने 26 मार्च 2001 को अदालत डबवाली में डिग्री करवा कर अपने हिस्से की जमीन अपनी बहनों व भाइयों के नाम करवा दी परन्तु यह संभव नहीं था क्योंकि उनकी मौत तो 8 वर्ष पहले हो चुकी थी। उसे समझ आ गया था कि मुख्तियार कौर की जगह किसी अन्य महिला को खड़ा कर अदालत को गुमराह किया गया है, फिर पता चला कि फर्जी मुख्तियार कौर भी उनकी ही रिश्तेदार है।
यहीं बस नहीं धोखाधड़ी में इसके अलावा एक अन्य धांदली की गई कि मुख्तियार कौर के रिश्तेदारों ने खुद को तारुआणा का बताकर डबवाली अदालत से डिग्री करवाई गई जोकि आसानी से हो गई क्योंकि पंजाब में इस तरह डिग्री करनी बंद की हुई है। मनप्रीत सिंह ने बताया कि यह धोखाधड़ी 4 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत करीब 60 लाख रुपए है हड़पने के अलावा एक सरकारी नौकरी हड़पने के लिए की गई क्योंकि महिराज के बीच जमीन थर्मल प्लांट लहरा में आ गई थी। सरकारी नियमों के अनुसार जमीन मालिक के किसी भी पारिवारिक सदस्य को थर्मल में नौकरी भी मिलनी थी। वह पता लगा रहे हैं कि मुख्तियार कौर के हिस्से की नौकरी किस को दी गई है। अगर उनके नाम पर नौकरी हासिल की गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जाएगी। मनप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने एस.एस.पी. को शिकायत देकर उक्त धोखाधड़ी में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का भरोसा दिया था लेकिन अढ़ाई महीने बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। मनप्रीत सिंह ने कहा कि अगर इंसाफ न मिला तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
जांच अधिकारी डी.एस.पी. गुरप्रीत सिंह का कहना है कि उन्होंने मामले की गहराई से जांच की है। यह सही पाया गया कि मुख्तियार कौर की मौत 199& में हुई और जमीन की डिग्री 2001 में हुई। उन्होंने यह सब कुछ जांच रिपोर्ट में लिखकर उ"ााधिकारियों को भेजा है परन्तु वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि जुर्म हरियाणा रा’य में हुआ है। इसलिए संबंधित पुलिस को भी शिकायत करने की जरूरत है।