Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 01:43 PM
पंजाब सरकार व प्रशासन द्वारा मौड़ बम कांड के पीड़ित परिवारों को इंसाफ न देने, आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में असफल रहने, जांच को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिशें व मौड़ बम कांड संघर्ष कमेटी की जायज मांगों को न माने जाने के विरोध में आज ‘मौड़ बम...
मौड़ मंडी(प्रवीन/वनीत): पंजाब सरकार व प्रशासन द्वारा मौड़ बम कांड के पीड़ित परिवारों को इंसाफ न देने, आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में असफल रहने, जांच को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिशें व मौड़ बम कांड संघर्ष कमेटी की जायज मांगों को न माने जाने के विरोध में आज ‘मौड़ बम कांड संघर्ष कमेटी’ ने इलाका निवासियों के सहयोग से बम कांड घटना स्थल पर धरना दिया और पंजाब सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर धरने में मृतक ब"ाों की माताओं के साथ-साथ अन्य महिलाओं ने भी शमूलियत की।
इस दौरान जे.ई. राज सिंह, जगदीश राय शर्मा, गुरमेल सिंह मेला, जीतइंद्र सिंह, भाकियू के जसविंद्र सिंह काला आदि ने कहा कि मौड़ बम कांड हुए को एक वर्ष से अधिक समय हो गया है परंतु पंजाब सरकार व प्रशासन की नालायकी के चलते आरोपी अभी भी चैन की नींद सो रहे हैं।पंजाब सरकार व प्रशासन द्वारा बम कांड के पीड़ित परिवारों को इंसाफ देना तो दूर की बात बल्कि घटना के बाद किए वायदे भी पूरे नहीं किए जिस कारण लोगों का गुस्सा सरकार प्रति बढ़ रहा है। इस मामले में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की चुप्पी से स्पष्ट है कि इस मामले को किसी दबाव के कारण दबाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पंजाब सरकार मृतकों के परिवारों को पहल के आधार पर सरकारी नौकरियां दे, जख्मियों को मुआवजा, जो जख्मी काम करने के योग्य नहीं उनको भी सरकारी नौकरी दी जाए ताकि राजनीतिक साजिशों का शिकार ये पीड़ित परिवार फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन व सरकार ने कमेटी की मांगें न मानीं तो प्रदर्शन जारी रहेगा और लोकसभा चुनाव के दौरान वोट मांगने आए नेताओं से नुक्कड़ बैठकों में यह जरूर पूछा जाएगा कि बम कांड के पीड़ित परिवारों को इंसाफ देने के लिए उनका क्या योगदान रहा।इस मौके पर विशेष तौर पर पहुंचे दल खालसा के उपाध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह गुरुसर महिराज वाले, जत्थेदार गुरसेवक सिंह ’वाहरके उपाध्यक्ष इंडियन फार्मर्ज ने संबोधित करते हुए कहा कि बम कांड की चाल के कारणों व इसमें शामिल आरोपियों बारे सरकार व प्रशासन को सब कुछ पता लग चुका है परंतु वोट लेने के लिए मामला दबाने की कोशिश हो रही है।