Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 03:00 PM
मोबाइल फोन व इंटरनैट के युग में अधिकांश लैटर बॉक्स इन दिनों चिट्ठियों को तरस रहे हैं। महानगर में जगह-जगह लगे लैटर बॉक्सिस में से अधिकतर तो कबाड़ बन चुके हैं। कुछेक लैटर बाक्स फिलहाल ठीक हालत में हैं लेकिन उनमें भी कोई डाक नहीं डालता।
बठिंडा (परमिंद्र): मोबाइल फोन व इंटरनैट के युग में अधिकांश लैटर बॉक्स इन दिनों चिट्ठियों को तरस रहे हैं। महानगर में जगह-जगह लगे लैटर बॉक्सिस में से अधिकतर तो कबाड़ बन चुके हैं। कुछेक लैटर बाक्स फिलहाल ठीक हालत में हैं लेकिन उनमें भी कोई डाक नहीं डालता।
अधिकांश लोग स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री या कोरियर का ही सहारा लेते हैं जिसके कारण दशकों से लोगों की पहली पसंद रहे लैटर बॉक्सों की बेकद्री हो रही है। लोगों द्वारा डाक न डालने के रुझान को देखते हुए डाक विभाग ने भी अधिकांश लैटर बॉक्सों को ताले लगा बंद कर दिए हैं। जी.टी. रोड पर कई जगहों पर लगे लैटर बॉक्स पुराने हो चुके हैं व टूट चुके हैं। फौजी चौक के नजदीक एक लैटर बॉक्स को ताला भी नहीं लगाया गया।