Edited By Updated: 22 Oct, 2016 08:02 AM
पंजाब को बिजली ‘सरप्लस’ राज्य बनाने की योजना की उलटी मार पडऩी शुरू हो गई है जिसके नतीजे के तौर पर राज्य के ...
पटियाला (परमीत): पंजाब को बिजली ‘सरप्लस’ राज्य बनाने की योजना की उलटी मार पडऩी शुरू हो गई है जिसके नतीजे के तौर पर राज्य के सरकारी क्षेत्र के गुरु नानक देव थर्मल प्लांट भटिंडा और गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट लहरा मोहब्बत इस समय मुकम्मल बंद हो गए हैं जबकि रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट का अकेला चालू 3 नंबर यूनिट किसी भी समय बंद हो सकता है।
देर शाम तक पंजाब में बिजली की मांग तकरीबन 1530 लाख यूनिट थी, जिसकी पूर्ति के लिए राजपुरा स्थित प्राइवेट प्लांट के दोनों यूनिट अपनी निर्धारित सामथ्र्य अनुसार बिजली पैदा कर रहे थे जबकि तलवंडी साबो प्लांट के 2 और 3 नंबर यूनिट पहले ही चालू थे जबकि एक नंबर यूनिट जो तकनीकी नुक्स के कारण बंद हो गया था, आज चालू हो गया। शाम को खबर लिखे जाने तक यह करीब 325 मैगावाट बिजली पैदा कर रहा था। इस प्लांट के तीनों यूनिट 660 मैगावाट हरेक की सामथ्र्य वाले हैं। इस के अलावा पन बिजली प्रोजैक्ट से उत्पादन अलग तौर पर चल रहा है। दूसरी तरफ भटिंडा स्थित गुरु नानक देव थर्मल प्लांट और लहरा मोहब्बत स्थित गुरु हरगोङ्क्षबद थर्मल प्लांट दोनों के चारों यूनिट बंद हैं।
रोपड़ की 6 इकाइयों में से अकेला तीन नंबर यूनिट चालू है जिसके तलवंडी साबो का एक नंबर यूनिट चालू होने के बाद अब किसी भी समय बंद होने की आशंका है। सरकारी थर्मल प्लांटों में से इस समय भटिंडा प्लांट में 4 दिन, रोपड़ में 9 दिन और लहरा मोहब्बत प्लांट में भी 4 दिन का कोयला बाकी पड़ा है। पावरकाम सूत्रों के मुताबिक इन प्लांटों में 10 से 12 दिन का कोयला स्टाक करने के लिए अभी कोयले की सप्लाई बरकरार रखे जाने के आसार हैं। दिलचस्प बात है कि प्राइवेट सैक्टर का तलवंडी साबो प्लांट जिसके तीनों यूनिट अब चालू हैं, में सिर्फ साढ़े तीन दिन का कोयला भंडार है जबकि राजपुरा में 8 दिन का कोयला भंडार बाकी है।