गरीब परिवार में जन्मी लड़की के गुर्दे फेल, 3 महीने से लड़ रही जिंदगी-मौत की लड़ाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 01:09 PM

girl died

केंद्रीय सरकार के आह्वान पर राज्य में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया गया है। गांव कोठागुरू में गरीब परिवार में जन्मी लड़की पढ़-लिख तो गई लेकिन दोनों गुर्दे फेल हो जाने से वह जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही है। 3 महीने से वह बिस्तर पर है पर इलाज के...

बठिंडा(विजय): केंद्रीय सरकार के आह्वान पर राज्य में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया गया है। गांव कोठागुरू में गरीब परिवार में जन्मी लड़की पढ़-लिख तो गई लेकिन दोनों गुर्दे फेल हो जाने से वह जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही है। 3 महीने से वह बिस्तर पर है पर इलाज के लिए परिवार के पास पैसा नहीं है। सामाजिक संस्थाओं व निजी अस्पतालों ने भी इलाज करने में अपने हाथ खड़े कर दिए। प्रशासन ने भी इस परिवार की कोई मदद नहीं की, थक-हार कर लड़की के पिता ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सहायता की गुहार लगाई।

गांव कोठागुरू निवासी बाबू सिंह मजदूरी का काम कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। उसकी 2 बेटियां हैं जिनमें से बड़ी बेटी सुखदीप कौर आई.टी.आई. पास है और छोटी बेटी अभी स्कूल में ही पढ़ रही है। बाबू सिंह ने बताया कि 3 माह पहले जब उसकी बेटी सुखदीप कौर के शरीर में खून की कमी हो गई तो वह डाक्टर के पास चले गए। डाक्टरों ने उसकी बेटी का टैस्ट फरीदकोट मैडीकल अस्पताल से करवाने के लिए कहा। टैस्ट करवाने के बाद उनको पता चला कि बेटी के दोनों गुर्दे काम करना बंद कर गए हैं। उसने बताया कि उसके बाद उन्होंने अपने बेटी को बठिंडा के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार हेतु दाखिल करवाया जहां पर एक लाख रूपए के करीब खर्च आया लेकिन उसकी बेटी ठीक नहीं हुई।

उसने बताया कि डाक्टरों के अनुसार अगर परिवार का कोई सदस्य या अन्य व्यक्ति अपना गुर्दा लड़की को दे तो वह बच सकती है, जिस पर करीब 3 से 4 लाख रूपए खर्च आएगा। उसने अपनी बेटी का उपचार करवाने के लिए गांव में बना अपना छोटा घर तक बेच दिया व सामाजिक संगठनों से भी सहायता के लिए गुहार लगाई लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा नन्ही छांव मुहिम शुरू की गई थी जिस संबंधी कई विज्ञापन भी जारी हुए लेकिन उन्होंने ने भी कोई सुध नहीं ली। पीड़ित पिता ने बताया कि अब उसका सहारा केवल मीडिया रह गया है इसलिए आप के माध्यम से वह प्रधान मंत्री को सहायता के लिए अपील करना चाहता है। 

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