कर्ज माफी की सूचियों से बाहर किसान व खेत मजदूर बगावत की राह पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 04:51 PM

captain amarinder singh

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से मालवे के अति पिछड़े जिला मानसा से अढ़ाई एकड़ जमीनों वाले किसानों का 2 लाख रुपए कर्ज माफ करने वाली ‘कर्ज राहत स्कीम’ की शुरूआत करने से अब कर्ज माफी की सूचियों से बाहर ऋणी किसानों को मृगतृष्णा में डाल दिया...

मानसा (मित्तल): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से मालवे के अति पिछड़े जिला मानसा से अढ़ाई एकड़ जमीनों वाले किसानों का 2 लाख रुपए कर्ज माफ करने वाली ‘कर्ज राहत स्कीम’ की शुरूआत करने से अब कर्ज माफी की सूचियों से बाहर ऋणी किसानों को मृगतृष्णा में डाल दिया गया है । दूसरी तरफ कर्ज माफी से बाहर रखे गए खेत मजदूर भी किसानों के साथ सड़कों पर उतर गए हैं। इस कर्ज माफी स्कीम की पहली सूची जारी होने पर कर्ज माफ करवाने के लिए पूरे पंजाब में किसानों व मजदूरों में हाहाकार मची हुई है।

किसानों सिर कर्ज: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रति किसान 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफी का ऐलान तो कर दिया परन्तु कर्ज माफी सिर्फ 1 लाख रुपए से अधिक नहीं की गई। पंजाब सरकार की तरफ से कर्ज राहत के हकदार सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1,42,355 किसानों में सिर्फ 47,000 किसानों को मामूली राहत दी गई है, जबकि कर्ज माफी स्कीम की पहली किस्त में 46,555 किसानों का 167.39 करोड़ रुपए माफ करने का ऐलान किया गया। फिलहाल इस कर्ज माफी की पहली किस्त में मालवे के मानसा, बङ्क्षठडा, मोगा, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब समेत 5 जिले शामिल हैं। 

क्या कहना है किसान नेताओं का
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रांतीय महासचिव बोघ सिंह मानसा, तेज सिंह चकेरियां, मलूक सिंह हीरके ने दोष लगाया कि किसानों को मामूली कर्ज राहत ऊंट से छलनी उतारने के बराबर है। दूसरी ओर वहुत ज्यादा कर्ज माफ योग्य किसानों को कर्ज माफी की सूची से बाहर रख दिया गया है, जोकि किसानों के साथ बेइन्साफी है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान राम सिंह भैणीबाघा ने कहा कि यदि कैप्टन सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करना था तो उसे अपने चुनाव समय किए वायदे अनुसार पूरे पंजाब के किसानों के कर्ज माफ करना था। इस तरह कर्ज माफ करना हकदार किसानों के साथ भद्दा मजाक है। 

क्या कहना है किसानों का
पंजाब सरकार की तरफ से कर्ज राहत स्कीम की पहली किस्त जारी करने पर सूची में से बाहर बहुत से किसानों में निराशा पाई गई। गांव ख्याला कलां के किसान मिट्ठू सिंह ने बताया कि उन 4 भाइयों के पास 9 एकड़ जमीन है उनमें से सिर्फ एक भाई का कर्ज माफ किया गया है, परन्तु कर्ज सभी के सिर है। इसलिए सिर्फ एक भाई को इस स्कीम का लाभ प्राप्त हुआ है। गांव खोखर खुर्द के किसान बलदेव सिंह ने बताया कि उनके पास 2 एकड़ जमीन व 3 लाख रुपए का कर्ज है। अब वह मजदूरी कर रहे हैं। उनका नाम सूची में शामिल नहीं है। इस गांव के 80 किसानों में से सिर्फ 22 किसानों का नाम सूची में शामिल है, जिनमें एक परिवार के 2 सरकारी मुलाजिम हैं। गांव खारा के किसान दर्शन के पास 1 एकड़ जमीन व सिर पर कर्ज 3 लाख रुपए है। गांव बरनाला के किसान बलविन्दर सिंह के पास 2 एकड़ जमीन व कर्ज सोसायटी का 20 हजार व अन्य कर्जे हैं। 

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