Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:28 PM
कर्ज माफी व अन्य किसानों की मांगों के लिए भारतीय किसान यूनियन द्वारा जिलाध्यक्ष अमरीक सिंह गंढुआ के नेतृत्व में प्रबंधकीय काम्पलैक्स में लगाया पक्का मोर्चा दूसरे दिन भी जारी रहा। वक्ताओं ने संबोधित करते कहा कि सरकार ने जो सतरह एकड़ का कानून बनाया...
संगरूर (बेदी): कर्ज माफी व अन्य किसानों की मांगों के लिए भारतीय किसान यूनियन द्वारा जिलाध्यक्ष अमरीक सिंह गंढुआ के नेतृत्व में प्रबंधकीय काम्पलैक्स में लगाया पक्का मोर्चा दूसरे दिन भी जारी रहा। वक्ताओं ने संबोधित करते कहा कि सरकार ने जो सतरह एकड़ का कानून बनाया है, उस कानून को जल्द लागू करे परन्तु इसके उलट मनप्रीत सिंह बादल जैसोंके पास बहुत बड़े-बड़े बाग हैं, इसके साथ ही बादल, बराड़ और कैप्टन जैसे लोग हजारों एकड़ जमीन दबाए बैठे हैं और बड़े श्रमिक सबसिडियां लेकर सरकारों को चूना लगा रहे हैं परन्तु छोटे व बेजमीने किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जो जमीन बड़े श्रमिकों ने दबारखी है उसको छोटे किसानों में बांटा जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार धनाढ्यों का कर्जा माफ कर रही है व कार्पोरेट श्रमिकों को लाभ पहुंचा रही है। सरकार ने कार्पोरेट श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए डीजल व पैट्रोल के भाव में बढ़ौतरी करने की खुली छूट दी हुई है। सरकार की कमजोरी के कारण ही तेल के भाव बढ़ रहे हैं। मोर्चे के दूसरे दिन सारा दिन ही बरसात व ठंड में भी किसानों ने मोर्चा जारी रखा व सरकार को चुनाव में किए वायदे याद करवाने के लिए नारेबाजी करते रहे।
यह हैं मांगें
-किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जाए।
-आत्महत्या कर चुके पीड़ित किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए।
-बेसहारा पशुओं का स्थायी हल किया जाए।
-पढ़े-लिखे नौजवानों को रोजगार दिया जाए, हर घर सरकारी नौकरी दी जाए।
-कृषि को लाभप्रद धंधा बनाया जाए।
-सरकारी विभाग जीवित रखे जाएं व ठेकेदारी सिस्टम बंद किया जाए।