Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 12:01 PM
करीब दो वर्ष से इंसाफ के लिए भटकते फिर रहे गांव कुठाला के निवासी हरबंस सिंह पुत्र बहादर सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों से इंसाफ न मिलने से दुखी होकर आज प्रात: पौने 8 बजे के करीब पुलिस को चकमा देते हुए स्थानीय सब्जी मंडी में मार्कीट कमेटी के कार्यालय...
मालेरकोटला (जहूर/ शहाबुदीन, यासीन) : करीब दो वर्ष से इंसाफ के लिए भटकते फिर रहे गांव कुठाला के निवासी हरबंस सिंह पुत्र बहादर सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों से इंसाफ न मिलने से दुखी होकर आज प्रात: पौने 8 बजे के करीब पुलिस को चकमा देते हुए स्थानीय सब्जी मंडी में मार्कीट कमेटी के कार्यालय समक्ष बनी पानी वाली टंकी पर चढ़ कर प्रशासन को हाथों-पैरों की डाल दी। पीड़ित द्वारा पहले ही स्थानीय पुलिस को टंकी पर चढ़ कर आत्मदाह करने की चेतावनी दी होने के कारण प्रशासन ने प्रात: ही शहर की मुख्य वाटर टंकियों के आसपास पुलिस फोर्स तैनात कर रखी थी परंतु पौने 8 बजे के करीब हरबंस सिंह पुलिस को चकमा देकर सब्जी मंडी वाली वाटर टंकी पर जा चढ़ा। जिसका पता चलते ही दोनों सिटी थानों सहित संदौड़ थाने के प्रमुख भारी पुलिस फोर्स सहित मौके पर पहुंच गए।
मामले की नजाकत को देखते हुए मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार गुरदर्शन सिंह, डी.एस.पी. मालेरकोटला योगीराज तथा डी.एस.पी. अमरगढ़ पलविन्द्र सिंह ने हरबंस सिंह को मनाने के लिए कई बार मोबाइल फोन पर बातचीत की परंतु वह संबंधित डाक्टरों सहित उसकी मारपीट करने वाले पुलिस कर्मचारियों खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग पर अड़ा रहा।
दोपहर 1 बजे के करीब ए.डी.सी. संगरूर उपकार सिंह स्थानीय एस.डी.एम. प्रीति यादव व सिविल सर्जन संगरूर सहित मौके पर पहुंचे जिन्होंने स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की जानकारी लेने उपरांत जहां टंकी पर चढ़े हरबंस सिंह के साथ मोबाइल पर बातचीत करके उसको पूर्ण इंसाफ देने का भरोसा दिया, वहीं उसके पारिवारिक सदस्यों सहित गांव कुठाला के गण्यमान्यों के साथ मीटिंग करके कार्रवाई के लिए कुछ समय की मांग की। ए.डी.सी. साहिब के भरोसे उपरांत परिवार वालों ने हरबंस सिंह को टंकी से नीचे उतर आने के लिए मना लिया। लगातार 6 घंटों की भारी जदोजहद उपरांत प्रशासन को उस समय सुख की सांस आई जब बाद दोपहर करीब पौने 2 बजे हरबंस सिंह टंकी से नीचे उतर आया।
तीन दिनों का दिया समय, नहीं तो फिर करूंगा आत्मदाह
उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से मुझे इंसाफ न दिए जाने से दुखी होकर मैं आज इस टंकी पर चढ़ा हूं और अब प्रशासन ने मुझे तीन दिनों में इंसाफ देने का भरोसा दिया है। यदि तीन दिनों तक मेरी मानी मांगों को प्रशासन ने पूरा न किया तो फिर मैं आत्मदाह करूंगा। उधर ए.डी.सी. उपकार सिंह ने बताया कि वह चार दिनों में पूरे मामले की हर पक्ष से जांच करके हरबंस सिंह को इंसाफ देंगे और इस मामले में जो भी आरोपी पाया जाएगा उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
टंकी से नीचे आकर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए हरबंस सिंह ने बताया कि करीब 2 वर्ष पहले वह अपने बच्चों के इलाज के लिए सिविल अस्पताल मालेरकोटला गया था, जहां इलाज करने वाले डाक्टर ने उसके बच्चों का ऑप्रेशन करने की बजाय उसके साथ कथित बदसलूकी की। जिसकी उसने अस्पताल के एस.एम.ओ. के पास शिकायत की। एस.एम.ओ. साहिब ने उसकी शिकायत पर कथित कार्रवाई करने की बजाय पुलिस बुला ली और उसके साथ मारपीट की। इस संबंधी इंसाफ के लिए वह गत करीब 2 वर्षों से उच्च अधिकारियों के हाथ-पैर जोड़ रहा है परंतु किसी तरफ से भी मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई।
हरबंस सिंह ने बताया कि मेरी शिकायत संबंधी गत दिवस स्थानीय एस.डी.एम. साहिब ने मुझे अपने कार्यालय में बुलाया, जहां उन्होंने मेरे साथ इंसाफ करने की बजाय मुझे पागल कहते पटियाला मैंटल अस्पताल में भेज दिया, जहां से गत देर रात मुझे वापस लाकर घर छोड़ दिया।