Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 12:37 AM
देश में 8 राज्यों त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और राजस्थान के इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में भाजपा द्वारा ‘यात्राओं’, रोड शो और रैलियों का सिलसिला शुरू हो गया...
देश में 8 राज्यों त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और राजस्थान के इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में भाजपा द्वारा ‘यात्राओं’, रोड शो और रैलियों का सिलसिला शुरू हो गया है।
14 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर 2019 के लोकसभा चुनावों में सफलता के लिए इंडिया गेट से ‘जल मिट्टी रथ यात्रा’ को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रवाना किया। यह लाल किले के परिसर में 18 से 25 मार्च तक होने वाले 8 दिवसीय ‘राष्ट्र रक्षा महायज्ञ’ का हिस्सा है। भाजपा नेतृत्व इसके पीछे किसी राजनीतिक उद्देश्य से इंकार करता है परंतु इसे संयोग नहीं कहा जा सकता कि यह आयोजन इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों और 2019 के आम चुनावों से पहले किया जा रहा है। ‘महायज्ञ’ के लिए यह रथ देश भर से देसी घी एकत्रित करने के अलावा कश्मीर, लद्दाख और डोकलाम की सीमाओं के अलावा देश के प्रत्येक प्रांत से मिट्टी और प्रमुख तीर्थों तथा चारों धामों का जल लाएगा।
चुनावी यात्राओं की कड़ी में ही देश में अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनावों व उसके बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी की शृंखला में भाजपा द्वारा 15 फरवरी को जाट लैंड के मुख्य शहर तथा इंडियन नैशनल लोकदल के गढ़ जींद में अमित शाह के नेतृत्व में ‘युवा हुंकार रैली’ आयोजित की गई। इसे सफल बनाने के लिए खट्टर सरकार और भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी तथा जींद को छावनी में बदल दिया। जितने बड़े पैमाने पर भाजपा ने यह रैली आयोजित की उतने ही बड़े पैमाने पर इनैलो, कांग्रेस तथा कर्मचारी संगठनों ने भाजपा के विरुद्ध प्रदर्शन करने का भी प्रबंध किया था तथा इनैलो की ओर से काले गुब्बारे छोड़े गए।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ और सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही शिवराज सिंह चौहान की सरकार भी राज्य के सबसे बड़े मतदाता समूह अर्थात किसानों को लुभाने के लिए ‘किसान सम्मान यात्रा’ का आयोजन करने जा रही है। यह यात्रा 1 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में मथुरा के निकट बलदेव दाऊ जी मंदिर से शुरू होगी और इसका समापन 15 अप्रैल को होगा। यह मंदिर भगवान बलराम को समॢपत है जिन्हें किसानों के मुख्य देवताओं में से एक माना जाता है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता लोकेंद्र पराशर के अनुसार इस यात्रा का उद्देश्य किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे बताना तथा अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित करना है।
यह ‘रोड शो’ ऐसे समय में किया जा रहा है जब राज्य में गत वर्ष जून में मंदसौर में ऋण माफी के लिए प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस फायरिंग के परिणामस्वरूप 5 किसानों की मृत्यु के बाद कृषक असंतोष शिखर पर है। एक ओर जहां मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी भाजपा से सत्ता छीनने के लिए ‘रोड शो’ करने की योजना तैयार कर ली है जिसमें मार्च महीने से ‘किसान स्वाभिमान यात्रा’ निकालना शामिल है। इन दोनों ही राजनीतिक यात्राओं को लेकर खूब जुमलेबाजी हो रही है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि यदि भाजपा ने पिछले 14 वर्षों में प्रदेश का विकास किया होता तो फिर उसे ‘यात्राएं’ निकालने की क्या जरूरत थी। इसके जवाब में प्रदेश भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यात्रा निकाल कर प्रदेश का विकास लोगों को दिखाने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है।
यहीं पर बस नहीं, त्रिपुरा जहां 18 फरवरी को तथा मेघालय और नागालैंड जहां 27 फरवरी को चुनाव होने जा रहे हैं, में सत्ता पर कब्जा करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने के अलावा भाजपा ने कांग्रेस द्वारा देश में शासित 5 राज्यों में से एक कर्नाटक में कांग्रेस से सत्ता छीनने के लिए भी पूरा जोर लगा रखा है। वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिनों में 4 रैलियां करने वाले हैं। स्पष्टï है कि गुजरात के चुनावों में खराब प्रदर्शन और राजस्थान व बंगाल के उपचुनावों में पराजय के बाद भाजपा इस समय चिंता की गिरफ्त में है और इसी कारण वित्त मंत्री अरुण जेतली ने समय से पूर्व वर्ष 2018 में लोकसभा के चुनाव कराए जाने के विचार को भी खारिज कर दिया है। इसके अलावा विरोधी दलों द्वारा पिछले 4 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार की उपलब्धियों को शून्य बताने और नोटबंदी व जी.एस.टी. के कारण लोगों को हुई परेशानी ने भी भाजपा को अपने चुनाव प्रचार में तेजी लाने के लिए विवश किया है।—विजय कुमार