Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 03:11 PM
स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत में गत दिवस उस समय कुछ अजीब स्थिति देखने को मिली, जब एक महिला रोते-बिलखते अदालत से फरियाद करने लगी कि जज साहिब, उसके बेटे ने तो जहर निगल लिया है जो कि इस समय स्थानीय एक अस्पताल के आई.सी.यू....
अमृतसर(महेन्द्र): स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत में गत दिवस उस समय कुछ अजीब स्थिति देखने को मिली, जब एक महिला रोते-बिलखते अदालत से फरियाद करने लगी कि जज साहिब, उसके बेटे ने तो जहर निगल लिया है जो कि इस समय स्थानीय एक अस्पताल के आई.सी.यू. में भर्ती है, इस लिए उसकी विचाराधीन अपील पर होने वाली सुनवाई को लेकर उसकी हाजिरी माफ कर दी जाए।
प्रमाण के तौर पर उसने लिखित अनुरोध-पत्र के साथ संबंधित एक अस्पताल से जारी किया गया मैडीकल सर्टीफिकेट भी अदालत में पेश किया, जिसमें अस्पताल की तरफ से जतिन्द्र कुमार मेहता को कम से कम 22 जनवरी तक बैड-रैस्ट करने का सुझाव दिया गया है। अदालत ने सारी स्थिति को देखते हुए उस महिला के बेटे की हाजिरी माफ करते हुए उसकी विचाराधीन अपील पर सुनवाई के लिए अब 25 जनवरी की तारीख निर्धारित की है।
क्या है मामला
स्थानीय खालसा कालेज के समीप स्थित मोहनी पार्क निवासी राजेश कुमार पुत्र प्रधान लाल ने 5 लाख रुपए का चैक बाऊंस होने पर अपने मोहल्ले के समीप ही स्थित विकास कालोनी निवासी जतिन्द्र कुमार मेहता पुत्र कुलभूषण कुमार मेहता के खिलाफ चैक बाऊंस का केस दायर किया था जिसमें 2-8-2017 को जे.एम.आई.सी. मनदीप सिंह की विशेष अदालत ने जतिन्द्र कुमार मेहता को 2 वर्ष की कैद किए जाने की सजा सुनाई थी लेकिन साथ ही उसे सैशन कोर्ट में अपील दायर करने का मौका देते हुए उसे कच्ची जमानत पर रिहा भी कर दिया था। लोअर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सजा प्राप्त जतिन्द्र कुमार मेहता ने स्थानीय सैशन कोर्ट में अपनी अपील दायर कर रखी थी। इसकी सुनवाई स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत में चल रही थी और उसकी इस अपील पर वीरवार को सुनवाई होनी थी।
लोअर कोर्ट से सजा प्राप्त जतिन्द्र कुमार मेहता ने बुधवार को चूहे मारने वाली दवाई निगल कर खुदकुशी करने का प्रयास कर लिया था व उसे गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इसी बीच उसकी मां तृप्ता रानी को जब यह पता चला कि उसके बेटे ने जो अपनी सजा के खिलाफ सैशन कोर्ट में अपील दायर कर रखी है, उस पर वीरवार को सुनवाई होनी है, तो बेटे की गंभीर हालत के बावजूद उसने यह सोच कर कि कहीं उसके बेटे की गैर-हाजिरी की वजह से उसकी अपील खारिज ही न हो जाए, वीरवार को उसने अपने बेटे के कौंसिल सुमेश शर्मा से तुरंत संपर्क कर अपने बेटे की हाजिरी माफ करने के लिए अदालत में याचिका पेश की।
जिंदगी और मौत से जूझ रहे जतिन्द्र कुमार मेहता के कौंसिल सुमेश शर्मा ने बताया कि उनके मुवक्किल की मां ने उन्हें बताया है कि जतिन्द्र द्वारा अपील दायर करने के पश्चात उसे दूसरे पक्ष से संबंधित कुछ लोगों की तरफ से धमकियां मिल रही थीं जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों से बहुत ही परेशान चल रहा था। इन धमकियों के चलते परेशानी की हालत में उसने यह खतरनाक कदम उठाया है।