Edited By Updated: 22 Oct, 2016 01:32 AM
जम्मू-कश्मीर के सिखों के मसले हल करवाने के लिए बनाई गई 3 सदस्यीय कमेटी, जिसमें मनजीत सिंह...
अमृतसर (वालिया): जम्मू-कश्मीर के सिखों के मसले हल करवाने के लिए बनाई गई 3 सदस्यीय कमेटी, जिसमें मनजीत सिंह भोमा, सर्बजीत सिंह और सतनाम सिंह कंडा शामिल थे, ने आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को रिपोर्ट पेश की। उक्त कमेटी ने जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग महत्वपूर्ण सिखों और मुस्लिम नेताओं, जिन में सर्व पार्टी सिख को-आॢडनेशन कमेटी कश्मीर के सदस्य और हुॢरयत के कुछ नेता शामिल हैं, से संपर्क करके सिखों की हालत के बारे में जानकारी हासिल की है। सिख कश्मीर के 11 जिलों के 126 गांवों और शहरों में रह रहे हैं।
कमेटी के सदस्यों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के सिखों को जम्मू-कश्मीर सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रतिनिधता लाजमी बनाई जाए, विधान सभा और राज्य सभा में भी सिखों को प्रतिनिधित्व दिया जाए, जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को पहली कक्षा से लेकर यूनिवॢसटी स्तर तक लागू किया जाए, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा कश्मीर में लड़कियों का कालेज खोला जाए ताकि सिख लड़कियां अपने विरसे से जुड़ी रहें,
जैसे काम करने वाले कश्मीरी मुसलमानों की हिफाजत और देख-रेख के लिए जम्मू-कश्मीर हाऊस अमृतसर और जालंधर में जम्मू-कश्मीर सरकार ने पंजाब सरकार की सहायता से स्थापित किए हैं, इसी तरह कश्मीर में काम करने वाले पंजाबियों की हिफाजत और देख-रेख के लिए पंजाब हाऊस जम्मू-कश्मीर में स्थापित किए जाएं। यदि जम्मू-कश्मीर सरकार इसकी इजाजत नहीं देती तो पंजाब में से भी जम्मू-कश्मरी हाऊस बंद कर देने चाहिए। कमेटी सदस्यों ने सिंह साहिब को विश्वास दिलाया कि जम्मू-कश्मीर के सिखों के मसले हल करवाने के लिए कमेटी योग्य कदम उठाएगी।