Edited By Updated: 26 May, 2016 09:10 AM
पंजाब के जितने भी प्रमुख धार्मिक गुरुओं व नेताओं पर हमले हुए हैं, उन सभी की जांच सुखबीर बादल के घर की तरफ रुख करती है, जिस कारण हर हमले की जांच का काम बंद करवा दिया जाता है या विशेष जांच टीम का गठन कर मामले को दबा दिया जाता है।
गुरदासपुर/ बटाला : पंजाब के जितने भी प्रमुख धार्मिक गुरुओं व नेताओं पर हमले हुए हैं, उन सभी की जांच सुखबीर बादल के घर की तरफ रुख करती है, जिस कारण हर हमले की जांच का काम बंद करवा दिया जाता है या विशेष जांच टीम का गठन कर मामले को दबा दिया जाता है।
यह आरोप पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता चरनजीत सिंह चन्नी ने गुरदासपुर में जिला कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त जिला प्रधान अशोक चौधरी के ताजपोशी समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब 5 दिसम्बर 1966 में पंजाबी सूबा बना था तो अकाली दल ने स्वयं ही एक प्रस्ताव पास कर इसे एक अधूरा प्रदेश कह कर अस्वीकार कर विरोध प्रकट किया था।
इसी तरह 1982 में इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया था परंतु आज यही अकाली दल के नेता इस दिवस को मनाने की घोषणा कर 50 से अधिक कार्यक्रम करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाबी सूबे संबंधी बादल अपना स्टैंड बदलने पर पंजाब के लोगों से माफी मांगें। जब अकाली दल सत्ता में होता है तो पंजाब के मुद्दे भूल जाता है तथा जैसे ही सत्ता से अलग होने लगता है तो उसे सभी मुद्दे याद आ जाते हैं। यही कारण है कि अब यह लोगों को गुमराह करने की साजिश कर रहा है।