रेल बजट में अमृतसर रहा खाली हाथ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 11:24 AM

rail budget

रेल बजट 2018 अमृतसर रेलवे स्टेशन के लिए कुछ भी लेकर नहीं आया। अगर इसे अमृतसर रेलवे स्टेशन के इतिहास का सबसे बुरा रेल बजट कहा जाए, तो शायद गलत नहीं होगा। ‘पंजाब केसरी’ ने इस संबंध में कुछ अधिकारियों से बात की।

अमृतसर(जशन): रेल बजट 2018 अमृतसर रेलवे स्टेशन के लिए कुछ भी लेकर नहीं आया। अगर इसे अमृतसर रेलवे स्टेशन के इतिहास का सबसे बुरा रेल बजट कहा जाए, तो शायद गलत नहीं होगा। ‘पंजाब केसरी’ ने इस संबंध में कुछ अधिकारियों से बात की। 

जल्दबाजी में पढ़ा जाता है बजट : रमन महाजन
इस संबंध में यूरेको के पदाधिकारी रमन महाजन ने कहा कि यह रेल बजट अब वैसा रेल बजट नहीं रहा। पहले रेल मंत्री अलग से बजट अनाऊंस करते थे, जिस में रेलवे को काफी कुछ मिल जाता था, परंतु अब वित्त मंत्री अब इसे कुछ ही समय में पढ़ देते हैं, जिससे केवल रेल पर उनका ’यादा ध्यान नहीं जाता। रेलवे कर्मियों के उत्थान के लिए सरकार ने कोई खास प्रावधान नहीं किया और रेलवे में खाली पदों को भरने में पूरी दिलचस्पी नहीं दिखाई। अमृतसर रेलवे स्टेशन पर हर बार सी.सी.टी.वी. कैमरों के प्रावधान संबंधी कहा जाता है, परंतु स्टेशन पर लगे कैमरे अभी तक पर्याप्त रूप से लग नहीं सके हैं, तो यह स्टेशन हाईटैक कैसे होगा। 

इतिहास का सबसे बुरा बजट : विवेक, ईश
एन.आर.एम.यू. के पदाधिकारी विवेक देवगण व ईश देवगण ने कहा कि इस बार का रेल बजट अमृतसर स्टेशन के इतिहास का सबसे बुरा रेल बजट है। यह रेलवे कर्मियों के लिए भी लाभदायक नहीं है। इसमें न तो रेल कर्मियों की मांगों पर ध्यान दिया गया और न ही रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे सोचा गया। कहने तो रेल मंत्रालय अमृतसर रेलवे स्टेशन को देश के पहले 10 चुङ्क्षनदा रेलवे स्टेशनों की श्रेणी में शुमार करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है, परंतु इस रेल बजट से सरकार का असली चेहरा सामने आ रहा है। भारतीय रेलवे में अभी & लाख के लगभग पद खाली पड़े हैं। इसके चलते रेल कर्मियों को काफी अतिरिक्त ड्यूटी देनी पड़ रही है, जिससे काम पर असर पडऩा स्वाभाविक है। इस बार के रेल बजट से आशा थी कि रेलवे प्रशासन इन नौकरियों को भरेगा, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं अमृतसर स्टेशन के विस्तार के लिए बजट में प्रावधान ही नहीं रखा गया व सबसे महत्वपूर्ण अमृतसर-मक्खू रेल ङ्क्षलक परियोजना का भी जिक्र तक नहीं किया गया।

 देखा तक नहीं गया मांगों की ओर :  पी.सी. शर्मा 
इस संबंध में रेलवे मामलों के जानकार व आर.टी.आई. एक्टीविस्ट एड. पी.सी. शर्मा ने कहा कि इस बार पूरे देश का रेल बजट वित्त मंत्री ने मात्र कुछ ही समय में दौरान पढ़ डाला, तो इसमें क्या घोषणाएं हो सकती थीं। उन्होंने रेल मंत्रालय को एक पत्र लिख मांगें रखी थीं कि अमृतसर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बढ़ते दबाव के चलते रिटायरिंग रूम की संख्या 4 से बढ़ा कर 50 की जाए। रेलवे स्टेशन पर प्री-पेड टैक्सी का भी प्रावधान होना चाहिए। स्टेशन पर हर जगह एल.आई.डी. लाइट पर्याप्त रूप से लगाई जाए। इसके अतिरिक्त लोगों के लिए डोरमैट्री हाल का इंतजाम होना चाहिए। स्टेशन पर बिजली जाने पर भी पक्के तौर से एस्केलेटर के चलने का प्रबंध होना चाहिए। इसके अलावा अमृतसर रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए कुछ और सुझाव भेजे थे। विडम्बना यह है कि इस रेल बजट में इन मांगों की ओर देखा तक नहीं गया। इससे प्रतीत होता है कि इस बार का रेल बजट काफी फीका है, क्यों कि रेलवे ने यात्रियों के लिए भी कोई खास सुविधा का प्रावधान नहीं किया।
 

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