Edited By Updated: 01 May, 2016 06:15 PM
पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि पंजाब पुलिस विभाग में रिश्वत...
अमृतसर: पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि पंजाब पुलिस विभाग में रिश्वत का धंधा जोरों से चल रहा है।
पुलिस द्वारा रिश्वत लेने से तंग आकर लुधियाना के इंद्रपाल द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर श्रीमती चावला ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक से कहा कि पंजाब के लिए यह काला धब्बा है कि हमारे नवयुवकों को पुलिस रिश्वत लेने के लिए नशीले पदार्थों के सेवन के मामले में फंसाने की धमकी दे और मजबूर होकर लुधियाना के इंद्रपाल को आत्महत्या करनी पड़े। उन्होंने कहा कि इंद्रपाल ने पुलिस को सवा लाख रुपया दिया और इसके बाद भी और रुपया लेने के लिए पुलिस धमकाती डराती रही।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को दो वर्ष पूर्व पंजाब सरकार द्वारा नशीले पदार्थों के व्यापारी पकडऩे के नाम पर जेलों में डाला गया, उनमें से कई ऐसे हैं जो नशे का धंधा तो नहीं करते थे, नशे का सेवन करते थे और पुलिस ने उन्हें भी पकड़ कर अपराधी का लेबल लगा दिया। अमृतसर पुलिस का ही एक सहायक पुलिस निरीक्षक दो बार बर्खास्त हो चुका है, पर अब भी वह पुराने पद पर बहाल होकर लोगों को पीटने और लूटने का काम कर रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार जानती है कि पुलिस विभाग में रिश्वत का धंधा कितने जोरों से चल रहा है और इस धंधे में ज्यादातर वहीं लोग पिसते हैं जिनके पास राजनीतिक बल नहीं है।
चावला ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को कौन सहयोग देता है और कौन उनकी असलियत को जानते हुए भी महत्वपूर्ण थानों में नियुक्ति देता है, इसकी जांच पंजाब के हित में होनी ही चाहिए। लुधियाना की घटना से पंजाब पुलिस, मुख्यमंत्री और पंजाब के गृहमंत्री जागें और पंजाब की जनता पुलिस के शिकंजे में कितना पिस चुकी है, इसकी कोई जांच करवाएं और जो गरीब परिवारों के युवक जेलों में बंद पड़े हैं, उनसे कोई अधिकारी तो जाकर पूछे कि उनको कितनी यातना दी गई और नशे का धंधा करने की बात स्वीकार करने को मजबूर किया गया।