Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 02:18 PM
पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा कटासराज की यात्रा पर जाने वाले 173 श्रद्धालुओं को वीजा न देना 1974 के भारत-पाक समझौते का उल्लंघन है।
अमृतसर (कमल): पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा कटासराज की यात्रा पर जाने वाले 173 श्रद्धालुओं को वीजा न देना 1974 के भारत-पाक समझौते का उल्लंघन है।
भारत और पाकिस्तान में धार्मिक स्थानों पर दोनों देशों के लोगों को जाने से रोकना धार्मिक अधिकारों का हनन है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के लोगों में आपसी मेल-मिलाप और सद्भावना पैदा करना था, परंतु पाकिस्तान अकारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाकर युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रहा है, जबकि युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है।
कटासराज प्राचीन भारत की एक बहुमूल्य विरासत है जिसका भारतीय संस्कृति से 5500 वर्ष पुराना संबंध है। यहां एक बहुत बड़ा तालाब था जिस के किनारे यक्ष और युधिष्ठिर का वार्तालाप हुआ था। ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत में इसका बहुत विस्तृत वर्णन है। इसका उल्लेख हमारी पाठ्य पुस्तकों में भी है। अगर पाकिस्तान सरकार ने इस तीर्थ की देखरेख पर ध्यान न दिया तो यह समय के साथ पूरी तरह खंडहर हो जाएगा। प्रो. लाल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर मांग की है कि कटासराज को सुरक्षित रखने के लिए पाकिस्तान सरकार से वार्तालाप किया जाए, ताकि भारत के इन प्राचीन धर्म स्थलों को सुरक्षित रखा जा सके।