गुरुनगरी में ध्वनि प्रदूषण ‘आऊट आफ कंट्रोल’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 10:41 AM

noise pollution in amritsar

एक तरफ हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रदूषण कंट्रोल विभाग ने ध्वनि प्रदूषण कानून को सख्त बना दिया है और इसको सख्ती से लागू करने के दावे भी किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ गुरु नगरी में ध्वनि प्रदूषण ‘आऊट ऑफ कंट्रोल’ हो गया है। अमृतसर जिले में उक्त...

अमृतसर (नीरज): एक तरफ हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रदूषण कंट्रोल विभाग ने ध्वनि प्रदूषण कानून को सख्त बना दिया है और इसको सख्ती से लागू करने के दावे भी किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ गुरु नगरी में ध्वनि प्रदूषण ‘आऊट ऑफ कंट्रोल’ हो गया है। अमृतसर जिले में उक्त कानून के तहत कोई खास कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

 

हालत यह है कि अमृतसर बस स्टैंड के आसपास के इलाके में बस व ट्रक ऑप्रेटरों की तरफ से सरेआम ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है और जबरदस्त प्रैशर हार्न प्रयोग किए जा रहे हैं, यहां तक कि महानगर के पॉश इलाकों रणजीत एवेन्यू व अन्य इलाकों में सरेआम बुलेट के पटाखे चलाए जा रहे हैं, लेकिन जिला प्रदूषण कंट्रोल विभाग व अन्य विभागों की तरफ से इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ध्वनि प्रदूषण एक्ट संबंधी अधिकारियों व कर्मचारियों को जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन पंजाब के अन्य राज्यों की तुलना में अमृतसर जिला प्रशासन ध्वनि प्रदूषण रोकने में नाकाम रहा है।

 

 डी.सी. कमलदीप सिंह संघा सहित पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी प्रैशर हार्न व बुलेट के पटाखे चलाने पर बैन लगाया गया है, लेकिन उक्त आदेश की बस व ट्रक ऑप्रेटर सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। बस स्टैंड के आस-पास तो दोपहिया वाहन सवारों के लिए निकलना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इतना जबरदस्त प्रैशर हार्न ट्रांसपोर्ट ऑप्रेटरों की तरफ से बजाया जाता है कि कान सुन्न हो जाते हैं और दुर्घटना भी हो जाती है। अभी कुछ दिन पहले ही एक बस के प्रैशर हार्न की चपेट में आकर एक व्यक्ति अपने स्कूटर से गिर गया और बुरी तरह से जख्मी हो गया। लाखों रुपए खर्च करने पर भी उसके अंग ठीक नहीं हो सके।

 

दिल व बी.पी. के रोगी ही नहीं आम व्यक्ति को भी प्रैशर हार्न से खतरा
हार्ट स्पैशलिस्ट डा. एच.पी. सिंह ने बताया कि प्रैशर हार्न व दिल व ब्लड प्रैशर के रोगियों के लिए तो खतरनाक है ही वहीं आम व्यक्ति के लिए भी खतरनाक है, क्योंकि जब किसी व्यक्ति के पीछे से प्रैशर हार्न बजता है तो उसका स्ट्रैस लैवल बढ़ जाता है उससे बी.पी. व शूगर भी बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। ध्वनि प्रदूषण की समस्या पंजाब में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है। पंजाब सरकार की तरफ से ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कानून तो बनाया गया है लेकिन इसको सख्ती से लागू भी किया जाना चाहिए।

 

क्या है ध्वनि प्रदूषण कानून
पंजाब सरकार के प्रदूषण कंट्रोल विभाग की तरफ से हाल ही में ध्वनि प्रदूषण कानून को संशोधित करके इसे और ज्यादा सख्त बनाया गया है, जिसके तहत प्रैशर हार्न बनाने, बस या ट्रक में इसको फिट करने, प्रैशर हार्न का प्रयोग करने, बुलेट के पटाखे चलाने व इसमें प्रैशर हार्न का प्रयोग करने वाले के खिलाफ 5 से 6 वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा बड़े जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद अमृतसर जिले में प्रदूषण कंट्रोल विभाग व अन्य विभाग जैसे ट्रांसपोर्ट विभाग व ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कोई बड़ा ज्वाइंट ऑप्रेशन नहीं चलाया जा रहा है, जबकि बस स्टैंड के आसपास व रणजीत एवेन्यू जैसे पॉश इलाकों में प्रैशर हार्न का सरेआम प्रयोग किया जा रहा है और बुलेट के पटाखे चलाना तो एक फैशन हो गया है। हालांकि बुलेट के पटाखे की चपेट में आकर साथ गुजर रहे वाहन चालक के दुर्घटनाग्रस्त होने की पूरी संभावना रहती है।

 

पंजाब में पी.सी.बी. ने हटाए 8 हजार से ज्यादा प्रैशर हार्न
प्रदूषण कंट्रोल विभाग ने ध्वनि प्रदूषण कानून में संशोधन करने के बाद चेयरमैन पी.सी.बी. काहन सिंह पन्नू की अगुवाई में पंजाब के अलग-अलग जिलों से 8 हजार से ज्यादा प्रैशर हार्न जब्त किए हैं। इसमें बकायदा प्रदूषण कंट्रोल विभाग की टीम व ट्रैफिक पुलिस की टीम के साथ मिलकर नाकाबंदी करके कार्रवाई की जाती है, लेकिन अभी तक अमृतसर जिले में इस प्रकार का कोई संयुक्त अभियान नहीं चलाया गया है, जबकि आए दिन प्रैशर हार्न की आवाज की चपेट में आकर लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। महानगर के कई समाजसेवी संगठन प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि प्रैशर हार्न बजाने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाए और बस व ट्रक ऑप्रेटरों के अलावा बुलेट के पटाखे चलाने वालों के खिलाफ पर्चे दर्ज किए जाएं लेकिन इस मांग को दरकिनार किया जा रहा है।

 

प्रैशर हार्न जब्त करने में लुधियाना पहले नंबर, बठिंडा दूसरे व जालंधर तीसरे नंबर पर
प्रैशर हार्न बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी प्रदूषण कंट्रोल विभाग से मिले आंकड़ों से पता चला है कि विभाग ने सबसे ज्यादा प्रैशर हार्न लुधियाना जिले में जब्त किए हैं। इसमें 1200 प्रैशर हार्न अकेले लुधियाना जिले से उतारे गए हैं जबकि बठिंडा से 900 हार्न जब्त किए गए हैं और जालंधर तीसरे नंबर पर आता है जिसने 800 प्रैशर हार्न जब्त किए हैं। इसके अलावा पटियाला में 500 व बटाला में 250 से ज्यादा प्रैशर हार्न जब्त किए जा चुके हैं। इसके अलावा विभाग के हैडक्वार्टर में 450 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं जिसमें ट्रक व बस ऑप्रेटरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इस मामले में अमृतसर जिला भी किसी से कम नहीं है लेकिन अभी तक संबंधित विभागों की तरफ से ध्वनि प्रदूषण कानून को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है।

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