Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 12:55 PM
किसी भी प्रकार के लड़ाई-झगड़े एवं जुर्म को लेकर इंसाफ हासिल करने के लिए लोगों को सबसे पहले पुलिस के पास जाना पड़ता है। जिसे वैसे तो लोग अपने रक्षक समझते हैं लेकिन अगर हमारे यह रक्षक खुद ही भक्षक बन जाएं, तो फिर लोगों को इंसाफ कैसे मिल पाएगा?
अमृतसर (महेन्द्र): किसी भी प्रकार के लड़ाई-झगड़े एवं जुर्म को लेकर इंसाफ हासिल करने के लिए लोगों को सबसे पहले पुलिस के पास जाना पड़ता है। जिसे वैसे तो लोग अपने रक्षक समझते हैं लेकिन अगर हमारे यह रक्षक खुद ही भक्षक बन जाएं, तो फिर लोगों को इंसाफ कैसे मिल पाएगा?
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला द्वारा किसी दूसरी महिला के घर पर किया गया जब्री कब्जा छुड़वाने के लिए पीड़ित परिवार ने मदद मांगी, तो थाना प्रभारी के गनमैन ने इस मदद के एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेकर उनका यह काम हर हालत में करवाने की गारंटी तक देनी शुरू कर दी थी। लेकिन पीड़ित परिवार ने उसे रंगे हाथों काबू करवाने के लिए बहाने से उसके साथ 20 हजार में सौदा तय करके आखिर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार करवा ही दिया, जिसके खिलाफ थाना विजीलैंस ब्यूरो अमृतसर में भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 की धारा 7,13(2) के तहत बुधवार को मुकद्दमा नंबर 5/2018 भी दर्ज किया गया है।
एस.एस.पी. विजीलैंस के निर्देशानुसार किया गया था ट्रैप
जानकारी के अनुसार तरनतारन निवासी रणजीत कौर नामक एक महिला के तरनतारन में ही स्थित एक मकान पर किसी सिमरन नामक एक अन्य महिला ने जब्री कब्जा कर रखा था, जिससे मकान का कब्जा छुड़वाने के लिए रणजीत कौर के भतीजे स्थानीय जगदंबे कालोनी, मजीठा रोड निवासी पवन कुमार ने थाना तरनतारन सिटी के प्रभारी से शिकायत की थी। थाना प्रभारी ने इस मामले की जांच एस.आई. राजिन्द्र सिंह को रैफर कर दी थी, लेकिन इसी बीच थाना सिटी तरनतारन के प्रभारी के गनमैन निशान सिंह ने शिकायतकत्र्ता पवन कुमार से खुद संपर्क करके उनके मकान का कब्जा हर हालत में छुड़वाने की गारंटी देते हुए 25,000 रुपए की रिश्वत देने की मांग करनी शुरू कर दी थी।
शिकायतकर्ता पवन कुमार का कहना था कि वह बिना कोई रिश्वत के ही यह काम करवाना चाहता था, लेकिन बिना रिश्वत के उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। आखिर उसने पुलिस थाने में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने का फैसला करते हुए स्थानीय विजीलैंस ब्यूरो में शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर एस.एस.पी. विजीलैंस ब्यूरो आर.के. बख्शी के निर्देशानुसार डी.एस.पी. विजीलैंस तरनतारन कंवलदीप कौर ने अपनी पुलिस पार्टी के साथ ट्रैप लगा कर कथित आरोपी हैड-कांस्टेबल-कम-थाना सिटी तरनतारन के प्रभारी के गनमैन निशान सिंह को रंगे हाथों काबू करने के लिए अपना पूरा जाल बिछाया था। इसके तहत कथित आरोपी गनमैन को शिकायतकत्र्ता से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते विजीलैंस ब्यूरो ने रंगे हाथों काबू करने दावा का दावा किया है।