Edited By Updated: 24 Oct, 2016 01:32 PM
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) के आगामी चुनाव में अभी कुछ महीने का समय बचा है लेकिन इसकी सरगर्मी शुरू हो गई है ।
नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) के आगामी चुनाव में अभी कुछ महीने का समय बचा है लेकिन इसकी सरगर्मी शुरू हो गई है । इस चुनाव में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय और गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों के हावी रहने के आसार हैं।
दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (बादल) की सत्ता वाली मौजूदा कमेटी का कार्यकाल अगले साल 27 जनवरी को पूरा हो रहा है और ऐसे में चुनाव की तैयारियों और मुद्दों को लेकर हलचल शुरू हो गई है। यह चुनाव दिल्ली सरकार के गुरुद्वारा कमेटी चुनाव विभाग के अंतर्गत होता है। फिलहाल मतदाता सूची के नवीनीकरण का काम चल रहा है।
इस बार का डी.एस.जी.एम.सी. चुनाव पहले के चुनावों से इस मायने में भी अलग है कि अबकी चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के कयास लगाए जा रहे हैं। पहले अकाली दल (बादल) और परमजीत सिंह सरना के शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के बीच मुख्य मुकाबला होता था लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी समर्थित ‘पंथक सेवा दल’ भी चुनावी मैदान में कूद रहा है।
अकाली दल (बादल) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता परमिंद्र पाल सिंह ने कहा, ‘‘त्रिकोणीय मुकाबले की बात की जा रही है लेकिन यह हमें और मजबूत करेगा क्योंकि वोट बंटने से फायदा हमें होगा। हमारे 4 साल के काम को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि ये दोनों समूह हमें टक्कर देने की स्थिति में होंगे।’’