Edited By Updated: 03 Feb, 2016 12:04 PM
खून की कमी से कई बार लोगों को मरते देखा गया है। कोई खून का प्रबंध करने में असफल रहने तो कोई खून का ग्रुप न मिल पाने के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठता है।
रूपनगरः खून की कमी से कई बार लोगों को मरते देखा गया है। कोई खून का प्रबंध करने में असफल रहने तो कोई खून का ग्रुप न मिल पाने के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठता है।
एेसे ही है पुष्पा का खून जो उसकी जान के लिए खतरा बना हुअा है। दरअसल,पुष्पा बॉम्बे ब्लड ग्रुप टीम से है जो अासानी से नहीं मिलता। इसी कारण पुष्पा अांत में सिकुड़न की गंभीर बिमारी का इलाज करवा पाने में असमर्थ है। रूपनगर के सदाव्रत स्लम क्षेत्र के रहने वाले काला सिंह की बेटी पुष्पा (24) को इस खास ब्लड ग्रुप का होने के कारण ससुराल परिवार ने इससे नाता तोड़ लिया है। पुष्पा का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था लेकिन ब्लड ग्रुप के कारण उसका अप्रेशन नहीं हो पाया। पुष्पा का पिता कबाड़ी का काम करता है जो बेटी की जान बचाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
क्या है बॉम्बे ब्लड ग्रुप
आमतौर पर ए, बी, ओ और एबी ब्लड ग्रुप होते हैं लेकिन बॉम्बे ब्लड ग्रुप (ओएच)इनमें से किसी से मैच नहीं होता है, क्योंकि इसमें अन्य ब्लड ग्रुप की तरह एच एंटीजन नहीं होता है, जिसके कारण ऐसे व्यक्ति का ब्लड किसी भी ब्लड ग्रुप से मैच नहीं होता है। इन्हें सिर्फ इसी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति का खून चढ़ाया जा सकता है। रीजनल मैडीकल रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों के शोध के मुताबिक इसकी उत्पत्ति उड़ीसा के कुटिया कोंध आदिम जनजातियों के जींस से हुई है।