Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 09:51 AM
एक तरफ भारत व पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते सुधारने की बातें समय-समय पर अलग-अलग अंदाज में सुनी जाती हैं तो दूसरी तरफ व्यापारिक रिश्तों के मामले में केंद्र सरकार की बड़ी लापरवाही नजर आ रही है।
अमृतसर(नीरज): एक तरफ भारत व पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते सुधारने की बातें समय-समय पर अलग-अलग अंदाज में सुनी जाती हैं तो दूसरी तरफ व्यापारिक रिश्तों के मामले में केंद्र सरकार की बड़ी लापरवाही नजर आ रही है।
रेल मार्ग के जरिए पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात का एकमात्र साधन गोल बाग स्थित इंटरनैशनल रेल कार्गो पिछले 47 वर्षों से सरकार की बेरुखी का शिकार है जिसकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। परिस्थितियां ये हैं कि इस अवधि के दौरान कई सरकारें बदलीं लेकिन इंटरनैशनल रेल कार्गो की दुर्दशा वैसी ही नजर आ रही है। पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात के लिए सबसे पुराना व सुविधाजनक कारोबार कe जरिया रेल कार्गो ही रहा है लेकिन इसकी दशा सुधारने की तरफ न तो केंद्र और न ही पंजाब सरकार द्वारा ध्यान दिया जा रहा है, उलटा आए दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
न तो कोई नाका न ही फैंसिंग
एक इंटरनैशनल कार्गो पर सुरक्षा के हिसाब से कुछ जरूरी प्रावधान रखे जाते हैं जिसमें कोई बाहरी व्यक्ति न तो कार्गो के अंदर जा सकता है और न ही बाहर आ सकता है लेकिन अमृतसर इंटरनैशनल रेल कार्गो में किसी प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा व सुविधा नजर नहीं आती है। एंट्री प्वाइंट से लेकर बाहर जाने वाले रास्ते तक में किसी सुरक्षा एजैंसी का नाका नहीं है, यही हाल बाहर जाने वाले रास्ते का है। इस इंटरनैशनल रेल कार्गो के आसपास किसी भी प्रकार की फैंसिंग नहीं है जिसके चलते कोई भी व्यक्ति इसके अन्दर घुस सकता है और आसानी से बाहर भी जा सकता है।
चोर रास्तों से आतंकी हमले का भय
इंटरनैशनल रेल कार्गो के आस-पास टैक्स माफिया द्वारा चोर रास्ते भी बनाए गए हैं जहां से बिना बिल वाले सामान का आवागमन होता है। रेलवे स्टेशन की दीवारों को तोड़ कर बनाए गए इन चोर रास्तों के जरिए बिना टिकट लोग तो आते-जाते ही हैं, टैक्स चोरी भी होती है। इतना ही नहीं, इन चोर रास्तों के जरिए कोई भी व्यक्ति आसानी से रेलवे स्टेशन के अन्दर घुसपैठ कर सकता है जबकि मुंबई आतंकी हमलों के बाद सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश केन्द्र सरकार की तरफ से दिए गए हैं।
खस्ताहाल गोदाम
इंटरनैशनल रेल कार्गो के गोदाम भी इस समय खस्ताहाल हैं। इनमें पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं को स्टोर किया जाता है लेकिन इनके दरवाजे टूट चुके हैं जिनमें दरारें पड़ी हुई हैं। इन गोदामों में आसानी से कोई भी व्यक्ति अन्दर दाखिल हो सकता है और चोरी कर सकता है।
आई.सी.पी. अटारी से पहले था कारोबार का एकमात्र जरिया
इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट अटारी से पहले अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कार्गो ही भारत व पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात का एकमात्र जरिया था और रेल के जरिए ही पाकिस्तान के साथ वस्तुओं का आयात-निर्यात किया जाता था लेकिन आई.सी.पी. पर सड़क मार्ग के जरिए कारोबार शुरू होने के बाद इस इंटरनैशनल रेल कार्गो की तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया और इसकी दशा किसी सामान्य रेलवे स्टेशन से भी बदतर हो चुकी है।
1971 में शुरू हुआ था आयात-निर्यात
रेल मार्ग के रास्ते पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात इसी रेल कार्गो के जरिए 1971 में शुरू किया गया था। भारत-पाक युद्ध के बाद जब समझौता एक्सप्रैस शुरू हुई तो इसी रेल ट्रैक के
जरिए आयात-निर्यात भी शुरू कर दिया गया लेकिन इस एकमात्र रेल मार्ग की उन्नति पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
पकड़ी जा चुकी है 105 किलो हैरोइन
इंटरनैशनल रेल कार्गो की हालत सुरक्षा में लापरवाही के कारण ऐसी बन गई कि पंजाब मे हैरोइन तस्करी की सबसे बड़ी खेप ही इसी इंटरनैशनल कार्गो पर पकड़ी गई और पाकिस्तान से आयातित सीमैंट वाली बोगियों में कस्टम विभाग ने कोई 10-20 नहीं बल्कि 105 किलो हैरोइन पकड़ ली जिसके बाद कई सप्ताह तक इंटरनैशनल रेल कार्गो पर कारोबार बंद रहा। इसके बाद भी यह सिलसिला बंद नहीं हुआ और कई बार हैरोइन की खेपें पकड़ी गईं।
कस्टम विभाग की दर्जनों लिखित अपीलें दरकिनार
इंटरनैशनल रेल कार्गो पर पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की चैकिंग करने वाली प्रमुख एजैंसी कस्टम विभाग की तरफ से इस इंटरनैशनल पोर्ट की सुरक्षा संबंधी कई बार केन्द्र सरकार को लिखित तौर पर पत्र लिखे गए और अपील की गई लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है यहां तक कि इंटरनैशनल कार्गो स्थित कस्टम विभाग के दफ्तर को आग भी लग गई और मौजूदा हालात में कस्टम हैडक्वार्टर से रेल कार्गो का काम चलाया जा रहा है लेकिन कार्गो की तरफ सरकार की तरफ से कोई भी नवनिर्माण नहीं किया जा रहा है।
डी.आर.आई. ने इसी कार्गो से पकड़े थे कुली व उनका आका
इंटरनैशनल रेल कार्गो में भारी मात्रा में हैरोइन आने लगी लेकिन सुरक्षा एजैंसियां भी चुप नहीं बैठीं। यह वही इंटरनैशनल रेल कार्गो है जहां पर डी.आर.आई. ने 22 किलो हैरोइन के साथ 2 कुलियों को गिरफ्तार किया और उसके बाद उनके आका पंजाब पुलिस के सब-इंस्पैक्टर रणजीत सिंह राणा को ट्रेस किया। अमृतसर के सीमावर्ती इलाके मोदे के रहने वाले रणजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और बाद में वह भगौड़ा होने के बाद फिर से पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़ गया लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कार्गो में हैरोइन तस्करी का खेल जारी है। इस घटना के बाद भी कई बार पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी से हैरोइन की खेप पकड़ी गई लेकिन इस खेप को मंगवाने वाला नहीं पकड़ा गया।