Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 03:02 PM
प्रदेश में दलित महिलाओं के हो रहे शोषण को लेकर सरकार निरंतर मूक दर्शक बनी हुई है, वहीं समूचे दलित वर्ग के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। ये शब्द दलित सुरक्षा सेना व भगवान वाल्मीकि आदि धर्म समाज की चेयरपर्सन पंजाब रेखा थापर व डी.एस.एस. के...
अमृतसर (टीटू): प्रदेश में दलित महिलाओं के हो रहे शोषण को लेकर सरकार निरंतर मूक दर्शक बनी हुई है, वहीं समूचे दलित वर्ग के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। ये शब्द दलित सुरक्षा सेना व भगवान वाल्मीकि आदि धर्म समाज की चेयरपर्सन पंजाब रेखा थापर व डी.एस.एस. के नैशनल प्रधान शबीर द्राविड़ ने पीड़ित महिला से मिली शिकायत उपरांत पत्रकारों से कहे। स्थानीय मजीठा रोड स्थित 88 फुट रोड संस्था के कार्यालय में पीड़ित दलित महिला परमिन्द्र कौर पत्नी भूपिन्द्र सिंह निवासी झंडियां वाली कालोनी झब्बाल रोड फताहपुर ने रेखा थापर को लिखित शिकायत दे मामले से अवगत करवाया। उसने बताया कि उनका जनरल जाति से संबंधित गांव बुमली जिला गुरदासपुर के भुपिन्द्र सिंह से वर्ष 2006 को विवाह हुआ था।
विवाह के उपरांत ही उक्त व्यक्ति व उसका ससुराल परिवार जातिसूचक गाली-गलौच करने के साथ-साथ दहेज की मांग को लेकर परेशान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार गण्यमान्य व्यक्तियों ने उसका फैसला भी करवाया, परन्तु 4 दिसम्बर 2017 को उनके ससुराल परिवार व उसके पति ने उसे कमरे में बंद कर मारने की कोशिश की। पीड़िता ने बताया कि जब उसके माता-पिता उसका हाल चाल पूछने के लिए उनके पास आए तो उन्हें भी जातिसूचक गाली-गलौच कर अपमानित किया गया। बंदी हालत में वहां की पुलिस ने उन्हें छुड़वाया। सिविल अस्पताल गुरदासपुर में मैडीकल करवाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रेखा थापर ने बताया कि उक्त मामले के विरुद्ध 13 दिसम्बर 2017 को अमृतसर के पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत दे दी है और उक्त मामला माननीय चीफ जस्टिस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के ध्यान में भी लाया गया है। उन्होंने पीड़िता को इंसाफ दिलवाने का भरोसा दिलवाया अन्यथा डी.एस.एस. व भावाआधस संघर्ष करने को मजबूर होंगी। इस अवसर पर पीड़िता की माता बलविन्द्र कौर, जगत पाल, योगेश प्रधान, ज्योति पाल व अन्य उपस्थित थे।
विपक्ष ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
इस संदर्भ में परमिन्द्र कौर के पति भुपिन्द्र सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते कहा कि उनके गांव की पंचायत उनकी पत्नी को 2 बार समझाकर वापिस लेकर आई, परन्तु इसकी माता इसे वापस ले जाती है। मैं आज भी अपनी पत्नी को वापस बुलाने के लिए तैयार हूं। वह अपनी बेटी को साथ ले गई है, जिससे उसकी पढ़ाई भी खराब हो रही है। मैंने 12 वर्षों में कभी इस से कोई गाली-गलौच नहीं की। वह मुझ पर झूठे आरोप लगा रही है, उल्टा मुझे मानसिक तौर पर परेशान कर रही है।