Edited By Updated: 30 Sep, 2016 11:10 AM
मनोहर सरकार के ड्रीम प्रोजैक्ट स्वर्ण जयंती समारोह के लिए बनाई गई 141 सदस्यीय कमेटी की पहली मीटिंग में जहां कांग्रेस ने दूरी बनाई
चंडीगढ़ : मनोहर सरकार के ड्रीम प्रोजैक्ट स्वर्ण जयंती समारोह के लिए बनाई गई 141 सदस्यीय कमेटी की पहली मीटिंग में जहां कांग्रेस ने दूरी बनाई तो वहीं 2 सांसदों को छोड़ भाजपा के अपने ही सभी केंद्रीय मंत्री व कई सांसद नदारद रहे। खास बात यह रही कि हरियाणा के ब्रांड एम्बैसेडर योग गुरु स्वामी रामदेव व अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा भी मीटिंग में नहीं पहुंचे। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की मानें तो उन्हें मीटिंग के लिए देर से सूचना दी गई। वहीं प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल इनैलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने मीटिंग में शिरकत तो की लेकिन उन्होंने सरकार पर गंभीर नहीं होने की टिप्पणी की।
स्वर्ण जयंती समारोह के लिए सरकार की ओर से गठित 141 सदस्यीय कमेटी में सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेताओं और हरियाणा से जुड़ी अहम हस्तियों को शामिल किया गया है। इस मीटिंग के लिए सभी को आमंत्रित किया गया था। पहले यह मीटिंग 21 सितम्बर को रखी गई थी जिसे स्थगित कर 27 सितम्बर को किया गया। बताया गया कि विपक्षी दलों के नेताओं को सूचना देने में देरी की गई जिसके चलते कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर मीटिंग में नहीं पहुंचे। वहीं भाजपा के केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, राव इंद्रजीत सिंह व कृष्ण पाल गुर्जर सहित कई सांसद भी मीटिंग से नदारद रहे।
आयोजन के प्रति गंभीर नहीं सरकार: अरोड़ा
इनैलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने हरियाणा को नई पहचान देने वाले किसानों व जवानों सहित समाज के सभी वर्गों को विशेष प्रोत्साहन देने, हरियाणा के अलग राज्य के रूप में गठन के लिए लड़ाई लड़कर इसे अलग राज्य का दर्जा दिलवाने वाले प्रमुख नेताओं को सम्मान देने और प्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता को बढ़ावा देने वाले लोगों को भी सम्मान दिए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस आयोजन को लेकर गम्भीर नहीं है और बैठक के माध्यम से केवल मात्र खानापूॢत की जा रही है।
हरियाणा के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले हों सम्मानित
उन्होंने हरियाणा के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले देवी लाल जैसे अनेक नेताओं जिनमें पंडित भगवत दयाल शर्मा, प्रो. शेर सिंह, राव वीरेंद्र सिंह, सुल्तान सिंह, बलवंत राय तायल, चंद्रभान गुप्ता, रिजक राम, पीर चंद व दल सिंह आदि अनेक नेताओं को सम्मान दिए जाने की मांग की।