Edited By Updated: 04 May, 2016 11:45 PM
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान ने यूनाइटेड अकाली दल के प्रधान और सरबत खालसा के...
अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान ने यूनाइटेड अकाली दल के प्रधान और सरबत खालसा के प्रबंधक भाई मोहकम सिंह द्वारा खालिस्तान के संबंध में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वह (भाई मोहकम सिंह) स्पष्ट करें कि वह संत जरनैल सिंह भिडरांवालों के साथी रहे हैं या फिर समकालीन सरकार के समर्थक।
मान ने यहां जारी एक बयान में कहा कि भाई मोहकम सिंह अपने आप को संत जनरल सिंह भिडरांवाला के दाहिना हाथ बताते नहीं थकते और संतों के साथ काफी समय भी बिताया जो व्यर्थ ही गया है। उन्हें याद होना चाहिए कि संत भिडरांवालों ने कहा था कि जिस दिन श्री दरबार साहब और भारतीय फौज चढ़ाई करेगी उस दिन समझ लेना कि खालिस्तान की नींव रखी गई है।
उन्होंने कहा कि मोहकम सिंह संतों की विचारधारा से अपना नाता तोड़ें या फिर उनकी विचारधारा पर पहरा देने बारे अपने विचार स्पष्ट करें। मोहकम सिंह यह भी स्पष्ट करें कि जब 26 जनवरी 1986 को श्री अकाल तख्त साहब पर सरबत खालसा हुआ तो उनको स्टेज सचिव बनाया गया था।
उस समय पर तो भाई मोहकम भी खालिस्तान की प्राप्ति के लिए संघर्ष के साथ जुड़े हुए थे लेकिन उन्होंने खालिस्तान जिन्दाबाद के नारे भी लगवाए थे। उन्होंने कहा कि भाई मोहकम सिंह का मोह आम आदमी पार्टी के साथ है और यदि वह जाना चाहते हैं तो वह जा सकते हैं। वह उस पार्टी का झाड़ू पकडऩे में लगे हुए हैं जिनके एक नेता कुमार विश्वास ने संतों की तुलना एक भसमासुर (दैत्य) के साथ की थी।