बैंक डिफाल्टरों के खिलाफ कानूनी लडने वाले वकील से कुछ लोगों ने निकाली रंजिश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 04:58 PM

attack on advocate office

राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित डिफाल्टरों के खिलाफ विभिन्न बैंकों की तरफ से कई प्रकार की कानूनी लड़ाई लडऩे वाले वकील रवि भुपिन्द्र महाजन से कुछ अज्ञात लोगों द्वारा कुछ अजीब तरीके से ऐसी रंजिश निकालने का मामला सामने आया है, जिसमें उनके द्वारा देर रात...

अमृतसर(महेन्द्र): राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित डिफाल्टरों के खिलाफ विभिन्न बैंकों की तरफ से कई प्रकार की कानूनी लड़ाई लडऩे वाले वकील रवि भुपिन्द्र महाजन से कुछ अज्ञात लोगों द्वारा कुछ अजीब तरीके से ऐसी रंजिश निकालने का मामला सामने आया है, जिसमें उनके द्वारा देर रात स्थानीय कचहरी परिसर में बने उनके 2 चैंबरों में भारी तोड़-फोड़ कर डाली है, जिसमें उनके चैंबर की दीवारों पर लगी वाटरप्रूफ प्लास्टिक की शीट्स, अंदर पड़ी कीमती कुर्सियां, नए फर्नीचज को भी बुरी तरह से तोडऩे सहित ए.सी. को भी नुक्सान पहुंचाने का प्रयास किया गया था। 

हालांकि रवि भुपिन्द्र महाजन अभी इस बात का अनुमान नहीं लगा पाए हैं कि उनके चैंबर से कौन-कौन सा सामान गायब हुआ है, लेकिन इतना जरूर है कि उनके चैंबर में पड़ी कई कानूनी किताबें तथा लिटिगेंट्स की फाइलों सहित कई महत्वपूर्ण रिकार्ड गायब होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। एडवोकेट रवि भुपिन्द्र महाजन की शिकायत पर थाना सिविल लाइन की पुलिस ने फिलहाल अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 457/380/506 के तहत शनिवार को मुकदमा नंबर 5/2018 दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है। 

सफाई कर्मचारी ने सुबह घटना बारे फोन पर दी थी जानकारी
घटना संबंधी एडवोकेट रवि भुपिंद्र महाजन ने बताया कि सुबह अभी वे स्नान भी नहीं कर पाए थे कि करीब 8.30 बजे कचहरी परिसर के एक सफाई कर्मचारी पप्पू ने उन्हें फोन पर बहुत ही घबराहट में बताया कि उनके चैंबर का उनका सामान किसी ने बाहर फैंक दिया है। पहले तो उन्होंने इसे हलके में लेते हुए उसे कहा कि कोई बात नहीं, उनका सामान उठा कर अंदर रख दो, लेकिन उसने जब यह बताया कि उनके चैंबर के अंदर से उनका सारा फर्नीचर, कीमती कुर्सियों की बुरी तरह से तोड़-फोड़ करके दूर-दूर फैंका हुआ है। यह सुन कर उसे लगा तो बहुत अजीब, लेकिन वह तुरंत अपनी बार के प्रधान प्रदीप सैनी, सचिव राजन कटारिया तथा अन्य कई वरिष्ठ सदस्यों के साथ कचहरी परिसर पहुंचा तो दृश्य देख कर हक्का-बक्का रह गया। सारा दृश्य देख यही लग रहा था कि कुछ लोगों ने शायद किसी मामले को लेकर कोई रंजिश निकालते हुए इस घटना को अंजाम दिया है। 

पूर्व सी.पी. नागेश्वर राव ने की थी सुरक्षा उपलब्ध करवाने की सिफारिश, लेकिन....
एडवोकेट रवि भुपिंद्र महाजन ने अपनी शिकायत में कहा कि वह 1992 से कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं और कई बैंकों की तरफ से बैंक डिफाल्टरों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते चले आ रहे हैं। कानूनी कार्रवाई के तहत कई डिफाल्टरों से उनकी प्रॉपर्टी के कब्जे हासिल किए जाते रहे हैं और कई लोगों के खिलाफ भा.दं.सं. 420 के तहत कई मुकदमे दर्ज करवा चुके हैं। इस कारण कई बड़ी पहुंच वाले लोग उनसे रंजिश रखते हैं। उन्होंने इसी कारण स्थानीय पुलिस से सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया था। उनके अनुरोध पर पूर्व सी.पी. नागेश्वर राव ने सारी स्थिति का आकलन करते हुए उनकी सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए ए.डी.जी.पी. सिक्योरिटी से 3 पुलिस कर्मचारी उपलब्ध करवाने की सिफारिश की थी, लेकिन बावजूद इसके उन्हें अभी तक कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई। 

ए.डी.सी.पी.-2 लखबीर तथा एस.एच.ओ. शिव दर्शन पहुंचे मौके पर
एडवोकेट रवि भुपिंद्र महाजन के कचहरी परिसर में स्थित चैंबर में हुई भारी तोड़-फोड़ की सूचना मिलते ही, ए.डी.सी.पी.-2 लखबीर सिंह तथा थाना सिविल लाइन के प्रभारी इंस्पैक्टर शिव दर्शन सिंह मौके पर पहुंचे, जिन्होंने सारी स्थिति का जायजा लेते हुए तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी, जिनका यह कहना था कि इस घटना को अंजाम देने वालों की संख्या कम से कम 2 या फिर इससे ज्यादा हो सकती है, क्योंकि जिस तरह से दोनों चैंबरों के ताले तथा खिड़की को बुरी तरह से तोड़ कर सारे सामान की तोड़-फोड़ की गई है, यह सिर्फ एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता है, बल्कि 2 या फिर उससे ज्यादा लोग इसमें शामिल हैं। 

आस-पास नहीं था कोई सी.सी.टी.वी. कैमरा
ए.डी.सी.पी.-2 लखबीर सिंह तथा एस.एच.ओ. शिव दर्शन सिंह ने तुरंत मामले की जांच करते हुए जब देखा कि एडवोकेट रवि भुपिंद्र महाजन के चैंबर के आस-पास इधर-उधर कहीं भी कोई सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगा हुआ है तो वे वकीलों की नई बार के अंदर व बाहर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज खंगालने बार आफिस में पहुंचे, लेकिन वहां से पुलिस को कोई भी सुराग नहीं मिल पाया। इससे साफ जाहिर हो रहा था कि घटना को अंजाम देने वाले एडवोकेट महाजन के चैंबर के समीप बने पुराने बरामदे की तरफ से आए होंगे, जहां कोई सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगा है। 

एडवोकेट रवि महाजन को दिए जा रहे सचेत रहने के सुझाव
इसमें कोई संदेह नहीं कि एडवोकेट रवि महाजन बहुत सारे बैंकों से जुड़े हुए हैं और असंख्य बैंक डिफाल्टरों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते चले आ रहे हैं। कानूनी कार्रवाई के तहत विवादित करोड़ों की प्रॉपर्टी के कब्जे भी बैंक के पक्ष में लेने जाते हैं, जिसकी वजह से कोई भी उन पर किसी न किसी बात को लेकर अपना गुस्सा निकाल सकता है। जिस तरह से शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि जिला कचहरी परिसर में स्थित उनके चैंबर में भारी तोड़-फोड़ करते हुए उनके सामान को काफी क्षति पहुंचाई गई है, उसे देख न सिर्फ पुलिस बल्कि उनके नजदीकी संबंधी भी इस घटना को एक चेतावनी मानते हुए भविष्य मेें उन्हें पूरी तरह से सचेत रहने के सुझाव देते दिखाई दिए। 
 

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