अमृतसर हवाई अड्डे ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को पछाड़ा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 02:10 PM

amritsar airport

: श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के पहले 10 महीनों में यात्रियों व हवाई जाहजों की आवाजाही में भारत के 34 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को पीछे छोड़ दिया है।

अमृतसर(वालिया): श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के पहले 10 महीनों में यात्रियों व हवाई जाहजों की आवाजाही में भारत के 34 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को पीछे छोड़ दिया है। 
 

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ  इंडिया ने भारत के सारे हवाई अड्डों के जनवरी 2018 के जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि गुरु नगरी स्थित इस हवाई अड्डे पर घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में लगतार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के अप्रैल से जनवरी तक के 10 महीनों में यहां से घरेलू यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष के 10 महीनों के मुकाबले 61 प्रतिशत वृद्धि हुई है जोकि देश में सबसे ज्यादा थी।


एक और महत्वपूर्ण प्राप्ति यह है कि अमृतसर हवाई अड्डे ने हवाई जहाजों की आवाजाही में भी भारत के बाकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को भी मात दे डाली है। इन 10 महीनों में आई और गई कुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई उड़ानों की संख्या में 53 प्रतिशत और घरेलू उड़ानों में भी 78 प्रतिशत वृद्धि से यह हवाई अड्डा पहले स्थान पर है। इन 10 महीनों में आई व गई हवाई उड़ानों की संख्या 14,724 थी जबकि पिछले वर्ष 2016-17 की संख्या 9,621 थी। जनवरी 2018 में भी हवाई जहाजों की कुल आवाजाही में पिछले वर्ष जनवरी 2017 के मुकाबले 51.7 प्रतिशत की वृद्धि से अमृतसर का पहला स्थान रहा। जहां तक यात्रियों का संबंध है, इस समय यात्रियों की संख्या 18.6 लाख थी जिनमें से 13.5 लाख घरेलू और 5.1 लाख विदेशी यात्री थे जबकि इससे पिछले वर्ष के इस समय यात्रियों की संख्या 12.9 लाख थी जिनमें से 8.4 लाख घरेलू और 4.4 लाख अंतर्राष्ट्रीय यात्री थे।

 

दिसम्बर 2017 में सप्ताह में 2 बार के  लिए शुरू की गई अमृतसर नांदेड़ उड़ान को बहुत बढिय़ा सहयोग मिला है और यह 80 प्रतिशत से ज्यादा भरी होती है। इस अवसर पर समीप सिंह गुमटाला ओवरसीस सचिव व योगेश कामरा सैक्रेटरी एयरपोर्ट अफे यर ने कहा कि ऐयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ  इंडिया द्वारा 10 और जहाजों की पार्किंग के लिए एैपरन की जगह तैयार की जा रही है जिससे यहां उड़ानों की संख्या में और वृद्धि होगी। यदि यह वृद्धि इसी तरह ही होती रही तो 2019 में मौजूदा हवाई अड्डे की इस समय की 44 लाख की समर्था खत्म हो जाएगी और भारत सरकार को टर्मीनल-2 भाव एक और इमारत की जरूरत पड़ेगी। 



इसलिए एयारपोट अथॉरिटी को इस योजना पर अब से ही सरगर्मी से कार्य करना शुरू कर देना चाहिए। मंच लगातार ये आंकड़े दुनिया की कई अंतर्राष्ट्रीय हवाई कंपनियों सें सांझे कर रहा है और यहां से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शरू करने की मांग कर रहा है। इनमें से कई हवाई कंपनियों ने मंच को यहां से उड़ानें शुरू करने के लिए हामी भरी है लेकिन भारत सरकार इन हवाई कंपनियों के मुल्कों द्वारा एक-दूसरे के हवाई समझौतों में बाधा डाल कर इन्हें यहां से उड़ानें शुरू करने की आज्ञा नहीं दे रही है जोकि पंजाबियों के साथ बहुत बड़ा धक्का है। यदि भारत सरकार इनके साथ नए समझौते कर ले तो ये हवाई कंपनियां यहां से सीधी उड़ानेंं शुरू कर सकती हैं।

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