Edited By Updated: 26 Oct, 2016 10:03 AM
पंजाब विधानसभा चुनाव निकट आते ही नए-नए दलों व मोर्चों का गठन हो रहा है।
चंडीगढ़ (भुल्लर): पंजाब विधानसभा चुनाव निकट आते ही नए-नए दलों व मोर्चों का गठन हो रहा है। अब पूर्व अकाली नेताओं ने ‘अखंड अकाली दल’ का गठन किया है। अकाली दल 1920, पंथक अकाली दल, इंटरनैशनल अकाली दल व कुछ अन्य सिख संगठनों ने मंगलवार को संयुक्त बैठक में अपने-अपने दलों को भंग करके यह नया अकाली दल बनाया है।
पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर रविइंद्र सिंह को इसका अध्यक्ष बनाया गया है जबकि एस.जी.पी.सी. के महासचिव सुखदेव सिंह भौर कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी बलवंत सिंह नंदगढ़ को दल के संरक्षक का जिम्मा सौंपा गया है। पार्टी कार्यकारिणी की जगह पर अलग-अलग दलों से संबंधित वरिष्ठ नेताओं पर आधारित 31 सदस्यीय महापंचायत बनाई गई है। नवगठित दल के अध्यक्ष रविइंद्र सिंह व अन्य नेताओं ने मीटिंग के बाद बताया कि यह दल अकाली-भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी का विकल्प देगा। सुच्चा सिंह छोटेपुर के नेतृत्व वाली ‘अपना पंजाब पार्र्टी’ तथा सांसद डा. गांधी के नेतृत्व वाले मोर्चे के साथ गठबंधन होगा।
इसके अलावा वामदलों को भी साथ लेने के लिए उनसे बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दल का गठन इसलिए करना पड़ा क्योंकि शिरोमणि अकाली दल अपने सिद्धांतों को छोड़ चुका है। प्रकाश सिंह बादल की नेतृत्व वाली सरकार में ही सिख पंथ व सिखों की महान संस्थाओं का सबसे ज्यादा नुक्सान हआ है। बादल परिवार का ही राज चल रहा है तथा टकसाली अकालियों को नजरअंदाज करके धन-बल के बलबूते सिखी सिद्धांतों से अनभिज्ञ लोगों को अकाली दल में अहम पद दिए जा रहे हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर आर.एस.एस. का प्रभाव होने का भी आरोप लगाया।
नए दल की गठित 31 सदस्यीय महापंचायत में अकाली दल बादल को छोड़ कर आए एस.जी.पी.सी. सदस्य हरबंस सिंह मंझपुर, एस.जी.पी.सी. के पूर्व सचिव मंजीत सिंह कलकत्ता, रघुबीर सिंह राजासांसी, पूर्व सांसद राजदेव सिंह, पूर्व विधायक तालिब सिंह संधू, एज.जी.पी.सी. सदस्य भजन सिंह शेरगिल, हरबंस सिंह घनौला, जरनैल सिंह पुरेवाल कनाडा, मंजीत सिंह तरनतारन, भरपूर सिंह धनौला, संत प्यारा सिंह, गुरदर्शन सिंह पटियाला व तजिंद्र सिंह पन्नू को शामिल किया गया है।
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